Kundli Tv- जानें, किस विधि से करनी है मां कात्यायनी की पूजा

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 14 Oct, 2018 05:03 PM

what method do you want to worship mother katyani

नवरात्र के छठें दिन देवी के कात्यायनी स्वरूप की पूजा होती है। कात्य गोत्र में जन्म लेने से देवी भगवती कात्यायनी कहलाई। मां कात्यायनी का स्वरूप बहुत चमकीला है। इनकी चार भुजाएं हैं।

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नवरात्र के छठें दिन देवी के कात्यायनी स्वरूप की पूजा होती है। कात्य गोत्र में जन्म लेने से देवी भगवती कात्यायनी कहलाई। मां कात्यायनी का स्वरूप बहुत चमकीला है। इनकी चार भुजाएं हैं। माता जी के दाहिनी तरफ का ऊपर वाला हाथ अभयमुद्रा में और नीचे वाला वरमुद्रा में है। बाईं तरफ के ऊपर वाले हाथ में तलवार और नीचे वाले हाथ में कमल-पुष्प सुशोभित हैं। इनका वाहन सिंह हैं। मां कात्यायनी की भक्ति और उपासना द्वारा मनुष्य को बड़ी सरलता से अर्थ, धर्म, काम, मोक्ष चारों फलों की प्राप्ति होती है। वह इस लोक में स्थित रहकर भी अलौकिक तेज और प्रभाव से युक्त हो जाता है।

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भगवान कृष्ण को पतिरूप में पाने के लिए ब्रज की गोपियों ने इन्हीं की पूजा कालिंदी-यमुना के तट पर की थी। ये ब्रजमंडल की अधिष्ठात्री देवी के रूप में प्रतिष्ठित हैं। मां कात्यायनी की भक्ति और उपासना द्वारा मनुष्य को बड़ी सरलता से अर्थ, धर्म, काम, मोक्ष चारों फलों की प्राप्ति हो जाती है। वह इस लोक में स्थित रह कर भी आलौकिक तेज और प्रभाव से युक्त हो जाता है। जिन लड़कियों के विवाह में देरी हो रही है। उन्हें इस दिन मां कात्यायनी की पूजा अवश्य करनी चाहिए। विवाह के लिए कात्यायनी मंत्र- 
PunjabKesariॐ कात्यायनी महामाये महायोगिन्यधीश्वरि।
नंदगोपसुतम देवि पतिम मे कुरुते नम:।

मैरिड लाइफ में खुशहाली के लिए पति-पत्नी आज एक साथ मां कात्यायनी को वस्त्र
अर्पित करें तो साल भर सुख और सौभाग्य बढ़ा रहेगा ।


इस विधि से करें पूजन-
लकड़ी से बनी चौकी पर लाल वस्त्र बिछाकर उस पर मां कात्यायनी की प्रतिमा और चित्र स्थापित करके शुद्ध घी का दीपक लगातार पूजन पूरी होने तक जलाएं रखें। 

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कात्यायनी देवी की प्रसन्नता के लिए इस मंत्र का जाप करें- 
‘चंद्रहासोज्वलकरा शार्दूलवरवाहना। कात्यायनी शुभं दध्यतिवि दानवघातिनी।’ 


लाल पुष्प जैसे लाल कनेर, गुड़हल, लाल गुलाब, लाल कमल आदि अर्पित करने चाहिएं। देवी कात्यायनी का षोडोपचार विधि से पूजन करने के बाद आरती और प्रार्थना  करें। कात्यायनी की पूजा करते समय ॐ ऐं ह्वीं क्लींचामुंडायै विच्चै’ अथवा ॐ कात्यायनी देव्यै नम:’ मंत्रों का उच्चारण करना चाहिए।

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देवी कात्यायनी की पूजा में प्रसाद के रूप में शहद का प्रयोग शुभ माना गया है। कहते हैं कि इसके प्रभाव से भक्तों को देवी के समान तेज और सुंदर रूप प्राप्त होता है। पूजन पूर्ण होने के बाद कन्या को प्रसाद भेंट आदि देकर प्रसन्न करना चाहिए।
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