विश्व पर्यावरण दिवस: ‘रोज गिराते हैं पत्ते मेरे, ...हवाओं से बदलते नहीं रिश्ते मेरे’

Edited By Jyoti,Updated: 06 Jun, 2022 12:53 PM

world environment day

नई दिल्ली: एलजी विनय कुमार सक्सेना ने रविवार को छात्रों के साथ डीडीए के यमुना बायोडायवॢसटी पार्क का दौरा किया। विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर एलजी ने एक कविता के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया।

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नई दिल्ली:
एलजी विनय कुमार सक्सेना ने रविवार को छात्रों के साथ डीडीए के यमुना बायोडायवॢसटी पार्क का दौरा किया। विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर एलजी ने एक कविता के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। उपराज्यपाल ने कविता के माध्यम से एक वृक्ष की बात को सामने रखा। उन्होंने कविता सुनाई ‘रोज गिराते हैं पत्ते मेरे, फिर भी हवाओं से बदलते नहीं रिश्ते मेरे...।’ 

इन पंक्तियों के माध्यम से उन्होंने वृक्ष की पर्यावरण के प्रति समर्पणता को व्यक्त किया।  साथ ही मनुष्यों द्वारा पर्यावरण के विरुद्ध किए जाने वाले कार्य के प्रभाव का अलग ही अंदाज में जिक्र किया। उन्होंने इस कविता के माध्यम से यह भी बताया कि किस तरह से प्रतिकूल मौसम के बावजूद वृक्ष पर्यावरण को स्वच्छ करने की जिम्मेदारी निभाता है। इसी तरह से इंसानों को भी प्रकृति की सुरक्षा करनी चाहिए।  उन्होंने कहा कि तमाम विपरीत परिस्थितियों के बावजूद वृक्ष हमें छाया, फल, आक्सीजन आदि देता है। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि दिल्ली के सभी पार्कों का कायापलट किया जाए। उन्होंने पार्क में चंदन और मोरिंगा के वृक्ष लगाने का सुझाव भी दिया। 

एलजी ने कहा कि इससे न केवल वातावरण और बेहतर होगा बल्कि वित्तीय लाभ भी होगा। उन्होंने वनस्पति विज्ञान के छात्रों से संवाद भी किया। उन्होंने पर्यावरण संरक्षण, वातावरण में बदलाव, पानी किल्लत आदि विषयों पर भी अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि हम सभी की यह जिम्मेदारी है कि हम अपने शहर और भविष्य को बेहतर बनाने के लिए पर्यावरण संरक्षण के लिए हर संभव प्रयास करें। 

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