प्रथम स्वरूप मां शैलपुत्री, अराधना से होगी इच्छित वर व नौकरी की प्राप्ति

Edited By Punjab Kesari,Updated: 21 Sep, 2017 08:39 AM

worship maa shailputri on the first day of navratri

दुर्गा के पहले स्वरूप में शैलपुत्री मानव के मन पर अधिपत्य रखती हैं। चंद्रमा पर आधिपत्य रखने वाली शैलपुत्री जीव

दुर्गा के पहले स्वरूप में शैलपुत्री मानव के मन पर अधिपत्य रखती हैं। चंद्रमा पर आधिपत्य रखने वाली शैलपुत्री जीव की उस नवजात शिशु की अवस्था को संबोधित करतीं हैं जो अबोध, निष्पाप व निर्मल है। देवी शैलपुत्री मूलतः महादेव कि अर्धांगिनी पार्वती ही है। देवी पार्वती पूर्वजन्म में दक्ष प्रजापति की पुत्री सती थीं तथा उस जन्म में भी वे महादेव की ही पत्नी थीं। सती ने अपने पिता दक्ष के यज्ञ में, महादेव का अपमान न सह पाने के कारण, स्वयं को योगाग्नि में भस्म कर दिया था तथा हिमनरेश हिमावन के घर पार्वती बन कर अवतरित हुईं। पर्वतराज हिमालय के घर पुत्री रूप में उत्पन्न होने के कारण इनका नाम 'शैलपुत्री' पड़ा। 

देवी शैलपुत्री का वर्ण चंद्र के समान है, इनके मस्तक पर स्वर्ण मुकुट में अर्धचंद्र अपनी शोभा बढ़ाता है। ये वृष अर्थात बैल पर सवार हैं अतः इन्हें देवी वृषारूढ़ा भी कहते हैं। इन्होने दाहिने हाथ में त्रिशूल व बाएं हाथ में कमल-पुष्प सुशोभित है। देवी शैलपुत्री की साधना का संबंध चंद्रमा से है। कालपुरूष सिद्धांत के अनुसार कुण्डली में चंद्रमा का संबंध चौथे भाव से होता है अतः देवी शैलपुत्री कि साधना का संबंध व्यक्ति के सुख, सुविधा, माता, निवास स्थान, पैतृक संपत्ति, वाहन, जायदाद तथा चल-अचल संपत्ति से है। मां शैलपुत्री की आराधना करने से जीवन में स्थिरता आती है। इसके साथ ही मनपसंद वर-वधू, धन लाभ और अच्छी नौकरी की प्राप्ति होती है। 

वास्तुपुरुष सिद्धांत के अनुसार देवी शैलपुत्री कि साधना का संबंध “इंदु” से है, इनकी दिशा पश्चिमोत्तर है। पंचमहाभूतों कि श्रेणी में इनका आधिपत्य जल स्रोत पर है अतः निवास में बने वो स्थान जहां शुद्ध चलायमान पानी को एकत्रित करते है। इनकी साधना से मनोविकार दूर होते है। जो व्यक्ति रियल एस्टेट का कार्य करते हैं अथवा जो प्रोपर्टी में इन्वेस्ट करते हैं उन्हें देवी शैलपुत्री कि साधना करनी चाहिए। इनकी साधना चंद्रोदय के समय श्वे़त पुष्पों से करनी चाहिए, तथा मावे से बने भोग लगाने चाहिए। श्रंगार में इन्हें चंदन प्रिय है।

नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री के मंत्र ओम् शं शैलपुत्री देव्यै: नम: का जाप करें। इससे व्यक्ति को मन की शांति मिलेगी और जीवन के सभी दुख दूर हो जाएंगे। माता का ये पाठ भी आपके जीवन को खुशियों से माला माल कर देगा।
प्रथम दुर्गा त्वंहि भवसागर: तारणीम्.
धन ऐश्वर्य दायिनी शैलपुत्री प्रणमाभ्यम्॥
त्रिलोजननी त्वंहि परमानंद प्रदीयमान्.
सौभाग्यरोग्य दायनी शैलपुत्री प्रणमाभ्यहम्॥
चराचरेश्वरी त्वंहि महामोह: विनाशिन.
मुक्ति भुक्ति दायनीं शैलपुत्री प्रमनाम्यहम्॥

आचार्य कमल नंदलाल
ईमेल: kamal.nandlal@gmail.com

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!