Edited By Lata,Updated: 10 Jul, 2019 12:00 PM
भगवान शिव को समर्पित पवित्र सावन का महीना 17 जुलाई से शुरु होने जा रहा है और जो 15 अगस्त 2019 तक रहेगा।
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भगवान शिव को समर्पित पवित्र सावन का महीना 17 जुलाई से शुरु होने जा रहा है और जो 15 अगस्त 2019 तक रहेगा। कहते हैं कि जो व्यक्ति इस पूरा माह भगवान शिव के शिवलिंग स्वरुप की पूजा कर ले तो उसके सारे पाप धूल जाते हैं और अगर कुंआरी कन्या भगवान को प्रसन्न कर दे तो उसे मनचाहा वर मिलता है। शिव पुराण के अनुसार भगवान शिव के निराकार स्वरुप का प्रतीक 'लिंग' शिवरात्रि की पावन तिथि की महानिशा में प्रकट होकर सर्वप्रथम ब्रह्मा और विष्णु के द्वारा पूजित हुआ था। इसका आदि व अंत भी देवताओं के लिए अज्ञात है। शून्य, आकाश, अनंत, ब्रह्माण्ड और निराकार परम पुरुष का प्रतीक होने से इसे लिंग कहा गया है। स्कन्द पुराण में कहा है कि आकाश स्वयं लिंग है, धरती उसका पीठ या आधार है और सब अनंत शून्य से पैदा हो उसी में लय होने के कारण इसे लिंग कहा गया है।
किस शिवलिंग की पूजा होती है श्रेष्ठ
भगवान शंकर को पारा अतिप्रिय है तथा रसराज पारद शिव का शक्ति रुपी विग्रह होने के कारण ही समस्त असुर तथा देवी-देवताओं के लिए वंदनीय है। पारद शिवलिंग की पूजा को शास्त्रों में सर्वश्रेष्ठ बताया गया है। इस समूचे ब्रह्माण्ड में सर्वोत्तम दिव्य वस्तु के रूप में पूजित रससिद्ध पारद शिवलिंग समस्त दैहिक, दैविक एवं भौतिक महादु:खों से मुक्ति दिलाने वाला है। पारद शम्भुबीज है।
पारद की उत्पत्ति महादेव के शरीर से उत्पन्न पदार्थ शुक्र से मानी गई है, इसलिए शास्त्रों में पारद को साक्षात शिव का रूप माना गया है और पारद शिवलिंग का सबसे ज्यादा महत्व बताकर उसे दिव्य बताया गया है। पारद शब्द में प-विष्णु, अ-अकार, र-शिव और द-ब्रह्मा का प्रतीक है। पारद एक विशिष्ट तरल अवस्था में धातु और स्वयं सिद्ध पदार्थ है। विशिष्ठ शास्त्रोक्त व तंत्रोक्त गोपनीय विधियों से व अनेक जड़ी-बूटियों की सहायता से दिव्य पारद शिवलिंग का निर्माण किया जाता है।
जल चढ़ाने से मिलता है लाभ
शिवलिंग पर जल से अभिषेक करने से सुख-सौभाग्य में वृद्धि, दूध से उत्तम संतान की प्राप्ति, गन्ने के रस से यश, मनोनुकूल पति/पत्नी की प्राप्ति, शहद से कर्ज मुक्ति, कुश के जल से रोग मुक्ति, पंचामृत से अष्टलक्ष्मी व तीर्थों के जल से मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसी प्रकार तरह-तरह के सभी शिवलिंगों की पूजा सुख-सौभाग्य एवं सिद्धि प्रदान करने वाली होती है।
शास्त्रों के अनुसार पारद शिवलिंग की पूजा से शिव को प्रसन्न किया जा सकता है। वाणासुर ने भी पारद शिवलिंग की पूजा कर शिव से मनोवांछित वर प्राप्त किया। शिवमहापुराण में शिवजी का कथन है कि करोड़ों शिवलिंगों के पूजन से जो फल प्राप्त होता है, उससे भी करोड़ गुना अधिक फल पारद शिवलिंग की पूजा और उसके दर्शन मात्र से ही प्राप्त हो जाता है।