आपकी रसोई में छुपा है ग्रहों को मुट्ठी में करने का राज

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 01 May, 2018 08:45 AM

your kitchen is hiding the planets in the fist

रसोई घर में संग्रहित प्रत्येक खाद्य सामग्री अपने आप में ग्रह दोष निवारण के साथ कितनी लाभदायक एवं उपयोगी है :

रसोई घर में संग्रहित प्रत्येक खाद्य सामग्री अपने आप में ग्रह दोष निवारण के साथ कितनी लाभदायक एवं उपयोगी है : 

नमक : ऐसा पदार्थ जिसके बिना कोई भी खाद्य पदार्थ सेवनीय नहीं। नमक में सोडियम क्लोराइड हमारी पाचन क्रिया एवं हमें हृष्ट-पुष्ट रखने में अति आवश्यक एवं सहायक तत्व है। लू लगने पर नींबू पानी-चीनी-नमक के घोल पीने से लू से बचाव एवं पाचन क्रिया स्वस्थ रहती है। 

नमक के घोल से घर के फर्श पर पोंछा लगाने से वास्तु दोष दूर होता है। धनात्मक तरंगों का संचार होता है-परिवार में बीमारी नहीं आती और नजर दोष नहीं होता। 

छोटे बच्चों को नज़र लगने से बचाव के लिए अथवा छोटा बच्चा सोते-सोते डरता हो तो एक चम्मच नमक, एक चम्मच आटे का छाल, 7 सूखी डंडी वाली लाल मिर्च, एक सीख वाले झाड़ू का तीला, एक चम्मच काली सरसों, पीली सरसों-सारे सामान को एक कागज की पुडिय़ा बनाकर सायंकाल रसोई में जाकर बच्चे के सिर से पांव तक 7 बार उलटा घुमा कर अग्नि में जलाने से बच्चे नजर दोष से मुक्त होते हैं, यह उपाय 6 दिन लगातार करें। उपरांत मंगल-शनि को करें। दानेदार 100 ग्राम नमक कांच के कटोरे में टायलैट में रखने से वास्तु दोष दूर होता है-धनात्मक तरंगों का संचार होता है।


हरी मिर्च-लाल मिर्च : हरी मिर्च भी नजर दोष से मुक्त होने एवं व्यापार वृद्धि में अति सहायक है। हर मंगलवार एक नींबू के दो हिस्से करके दोनों के बीच 7 उल्टी सीधी डंठलों सहित हरी मिर्च में काला धागा पिरोकर के दुकान एवं आवास के बाहर टांगने से दृष्टि दोष से मुक्ति एवं लाभ होता है।
बच्चे को नजर जल्दी लगती हो तो भी 7 सूखी लाल मिर्च एक चम्मच नमक पुडिय़ा में बांधकर बच्चे के सिर से 7 बार उल्टा घुमा कर जलाने से छोटे बच्चे को नजर दोष एवं चिड़चिड़ापन से राहत मिलती है।

हल्दी : हल्दी अति उपयोगी किचन सामग्री है एवं हल्दी के मात्र आधा चम्मच नित्य दूध के साथ सेवन से सभी प्रकार के जोड़ों के दर्द से राहत मिलती है, वहां टूटी हड्डी भी जल्दी जुड़ती है। हल्दी-जल युक्त टीका लगाकर जाने से समाज में मान-सम्मान विजय मिलती है। हल्दी को गांठें पीतल की गड़वी में भर कर अपने आवास के ईशान कोण में रखने से समृद्धि होती है-विद्यार्थी को विद्या मिलती है।

हल्दीयुक्त दूध : वीरवार केले को चढ़ाने एवं देसी घी का दीपक जलाने से, भगवान शंकर-पार्वती-शिव परिवार का इस दूध से अभिषेक करने से भी हर प्रकार के ग्रहों के प्रकोप से छुटकारा मिलता है। व्यापारी को धन, कुंवारी लड़की को वर मिलता है। कहीं यात्रा में जाने से पहले अपने सारे सामान पर हल्दी युक्त जल छिड़कने से चोरी का भय नहीं रहता। कुंडली में गुरु क्षीण हो तो गले में हल्दी की गांठ पीले धागे में पिरो कर पहनने से गुरु बलवान हो जाता है धर्म-विद्या-ज्ञान में वृद्धि होती है।


लौंग-इलायची : ग्रह दोष निवारण में इन्हें अभीष्ट मंत्रों से अभिमंत्रित करके इसके प्रयोग से लाभ मिलता है। 3 लौंग मुशकपूर की टिकिया पर रख सायंकाल अपने कक्ष में जलाने से पति-पत्नी के संबंधों में सुधार होता है एवं घर में सुख शांति प्राप्त होती है, कलह-क्लेश से छुटकारा भी मिलता है। 7 लौंग बाएं हाथ में लेकर दाएं हाथ में चंदन की माला पर ॐ सर्वजन वशमनाय, वशमनाय कुरु कुरु, स्वाहा का जाप करके यह अभिमंत्रित लौंग किसी को भी खिलाकर वश करने में सहायक होता है। ऐसा ही प्रयोग इलायची पर करके वशीकरण का अनुष्ठान किया जा सकता है।

चावल : शुक्ल पक्ष शुक्रवार को एक कटोरी चावल एक चांदी का सिक्का रख कर श्रीसूक्तम का पाठ अथवा ॐ श्री श्रीयै नम: की एक माला करके कटोरी पूजा स्थल पर स्थापित करने से धन, यश लक्ष्मी की वृद्धि होती है। दक्षिणमुखी शंख में चावल रख कर पूजा स्थल में रखने से धन वृद्धि लक्ष्मी की प्राप्ति होती है। 

उड़द-मूंग-चने की दाल : हर शनिवार सायं काल शनि मंदिर में 200 ग्राम साबुत उड़द, काले तिल चढ़ाने और सरसों के तेल का दीपक जलाने से एवं काले चने की सूखी सब्जी चढ़ाने से शनि, राहू ग्रह के प्रकोप से मुक्ति मिलती है। मिक्स पकौड़े सरसों के तेल में पके हुए अगर शनिवार को भिखारियों में बांटें तो शनि, राहू, केतु, ग्रह शांत होते हैं फैक्टरियों में लेबर समस्या नहीं आती और फैक्टरियां नियमित रूप से चलती हैं, धन वृद्धि एवं व्यवसाय में वृद्धि होती है। सममात्रा में काले तिल, सफेद तिल, काली सरसों मिला कर किसी भी समय किसी भी चलते पानी में प्रवाह करने से शनि, राहू, केतु ग्रहों के कुप्रभाव दूर होते हैं।

चने की दाल हर वीरवार गाय को चराने, साथ में केले चराने से बृहस्पति ग्रह के कुप्रभाव दूर होते हैं अगर शनि-केतु पीड़ादायक हों तो 11 मूलियां पत्ते समेत गाय को चराने से लाभ मिलता है।

मूंगी साबुत रात्रि में भिगोकर प्रात: पक्षियों को डालने से बुद्ध, राहू शांत होते हैं। अढ़ाई किलो जौ आधा किलो दूध में मिला कर जल प्रवाह करने से राहू एवं उसके कारण मानसिक तनाव से भी मुक्ति मिलती है।


 

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