Edited By Niyati Bhandari,Updated: 19 Sep, 2018 03:07 PM
मनुष्य के शरीर की रचना जब गर्भ में हो रही होती है तभी उसके शरीर के अंगों में तिलों का निर्माण भी होता है। तिलों के निर्माण के साथ-साथ समय-सीमा भी निर्धारित होती है
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मनुष्य के शरीर की रचना जब गर्भ में हो रही होती है तभी उसके शरीर के अंगों में तिलों का निर्माण भी होता है। तिलों के निर्माण के साथ-साथ समय-सीमा भी निर्धारित होती है कि कौन-सा तिल कौन-सी आयु में कहां और कब उदय होगा। कुछ तिल जन्म के साथ शरीर में होते हैं, कुछ जन्म के बाद एक निश्चित आयु होने पर शरीर पर आते हैं। आपने एेसे भी लोग देखे होंगेे जिनके शरीर पर बहुत सारे तिल होते है विशेषत: चेहरे पर अत्यधिक तिल नजर आते हैं। तिल काले रंग के होते हैं। कुछ तिल शरीर में हल्का-सा लाल रंग लिए भी होते हैं, तो कुछ तिल हल्के काले रंग के होते हैं।
सर्वाधिक तिल किशोरावस्था में निकलते हैं। कुछ तिल समय के साथ-साथ शरीर से लुप्त हो जाते हैं तो कुछ तिल बढ़ जाते हैं। तिलों का निर्माण शरीर में एकदम से नहीं होता अपितु धीरे-धीरे होता है। तिल बनने में कई वर्षों का समय भी लगता है। किसी परिवार के लोगों के शरीर पर ज्यादा तिल हों तो उनके यहां जन्म लेने वाले जातकों के शरीर पर भी तिल ज्यादा पाए जाते हैं। कभी-कभी धूप में ज्यादा घूमने-फिरने वाले व्यक्तियों के भी शरीर में तिलों का निर्माण हो जाता है।
तिलों का जीवन में बहुत महत्व है। चेहरा अगर सांवला या गोरा हो तो उस पर तिल का अलग ही आकर्षण होता है, कई तिल तो स्त्रियों के सौंदर्य में चार चांद लगा देते हैं तो कई तिल चेहरे को असुन्दर भी बना देते हैं।
स्त्रियों के शरीर के बाएं अंगों पर पाए जाने वाले तिल शुभ होते हैं तो पुरुषों के शरीर के दाएं अंग पर तिल शुभ संकेत देते हैं परन्तु शरीर में जो तिल होते हैं उन सबका अलग-अलग प्रभाव और महत्व है, कोई तिल शरीर पर शुभ होता है तो कोई अशुभ।
माथे के बाईं तरफ तिल हो तो जीवन कष्टपूर्ण बना रहता है। जीवन में कोई न कोई परेशानी लगी रहती है। इसके विपरीत दाईं आेर हो तो सुख-सौभाग्य में वृद्धि होती है और जीवन भर धन आता रहता है।
भौंहों के बीच तिल होने से वैवाहिक जीवन सुखमय होता है।
ठुड्डी पर तिल वाले जातक को जीवन भर परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
ठुड्डी के बीच से हटकर, अगर तिल हो तो एेसे जातक धनी होते हैं। उनके पास धन आता रहता है।
दाईं आंख पर तिल हो तो एेसे जातकों को प्रेम प्राप्त होता है।
बाईं आंख पर तिल वाले जातक अभिमानी और अपना कार्य बनवाने के लिए कुटिल योजनाएं भी बनाते हैं।
आंखों की पलकों के पास तिल हो तो एेसा जातक दुखी होता है।
कनपटी पर तिल वाला जातक घूमने-फिरने वाला होता है और साथ में अगर कुंडली के अन्दर चन्द्र और शनि की दृष्टि अथवा युति हो तो व्यक्ति सभी भावनाआें का त्याग कर संन्यास धारण कर लेता है।
ऊपर वाले होंठ पर तिल वाला जातक समाज में सम्मानित और नीचे के होंठ पर तिल कंजूस प्रवृत्ति का होता है।
नाक पर तिल वाला जातक नए-नए कपड़े एवं आभूषण पहनने का शौकीन होता है।
नाक की नोक पर तिल हो तो एेसा जातक बुद्धिमान होता है।
नाक की बाईं आेर तिल वाले जातकों का जीवन संघर्षपूर्ण रहता है।
नाक की दाईं आेर तिल वाले जातक कामुक प्रवृत्ति के होते हैं।
बाएं गाल पर तिल हो तो एेसा जातक खर्चीला होता है।
कान पर तिल होने से व्यक्ति की श्रवण शक्ति अच्छी होती है। वह कानों में सोने के आभूषण भी पहनता है, ज्ञानवान होता है।
गले पर तिल से आयु में वृद्धि होती है। एेसे जातकों को भोग-विलास की सुविधा मिलती है, जिस कारण वे अक्सर मोटे हो जाते है।
कमर पर तिल हो तो व्यक्ति के जीवन में दुख आते हैं, फिर उन दुखों का अंत होता है।
महिलाआें की कमर पर तिल हो तो स्त्री रोमांस प्रिय होती है, इनके पास खूब धन आता है और खर्च भी दिल खोल कर करती हैं।
हाथों की उंगलियों के बीच में तिल वाला व्यक्ति सौभाग्यशाली होता है।
हथेली में चन्द्र पर्वत पर तिल वाले जातकों को पानी से दूर रहना चाहिए- नदी, नाला, समुद्र उनके लिए घातक सिद्ध हो सकता है।
हथेली में गुरु पर्वत पर तिल हो तो उसका वैवाहिक जीवन सुखमय नहीं रहता, किसी न किसी बात पर लड़ाई-झगड़ा, नोक-झोंक रहती है।
हथेली में शनि पर्वत पर तिल होने से जातक का विवाह विलम्ब से होता है अथवा अविवाहित का योग बनता है।
सूर्य पर्वत पर तिल होने से सामाजिक मर्यादा को ठेस पहुंचती है।
बुध पर्वत पर तिल होने से व्यापार में अचानक नुक्सान होता है।
शुक्र पर्वत पर तिल होने से व्यक्ति की पीठ के पीछे बुराइयां होती हैं। उसके गुप्त शत्रुु बहुत होते हैं।
मस्तक रेखा पर तिल होने से सिरदर्द अथवा सिर से सम्बन्ध्ति समस्या रहती है। कई बार तनाव भी रहता है।
पेट पर तिल व्यक्ति को दुख देता है किन्तु साथ में व्यक्ति उत्तम भोजन करने का शौकीन भी होता है।
बाईं छाती पर तिल दाम्पत्य जीवन में लड़ाई-झगड़े का सूचक है। इसके विपरीत दाईं छाती पर तिल होने से व्यक्ति अपनी पत्नी से प्रेम करता है और अगर दोनों छातियों के बीच में तिल हो तो दाम्पत्य जीवन सुखमय व्यतीत होता है।
महिलाआें की नाभि के नीचे तिल से धन प्राप्ति होती है। अगर नाभि से ऊपर तिल है तो एक दुख समाप्त होने के बाद दूसरा आ जाता है।
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