Edited By ,Updated: 24 Jul, 2015 11:29 AM
मध्यप्रदेश में इंदौर से लगभग 150 और रतलाम से 25 कि.मी. दूर स्थित है सैलाना गांव उसी के समीप पहाड़ों और झरनों के बीच अवस्थित है- 'महाकेदारेश्वर महादेव मंदिर'।
मध्यप्रदेश में इंदौर से लगभग 150 और रतलाम से 25 कि.मी. दूर स्थित है सैलाना गांव उसी के समीप पहाड़ों और झरनों के बीच अवस्थित है- 'महाकेदारेश्वर महादेव मंदिर'। मंदिर में स्थापित शिवलिंग प्राकृतिक है। मान्यता है यहां पहले केवल एक शिवलिंग था लेकिन लगभग 278 वर्ष पूर्व 1736 में महाराजा जयसिंह ने इस मंदिर का निर्माण करवाया था तत्पश्चात राजा दुलेसिंह ने नवनिर्माण के साथ ही मंदिर के पास का कुंड भी पक्का करवाया।
इस कुंड में जब ऊंचाई से गिरता हुआ झरना आता है, तो यह इतना खूबसूरत लगता है की देखने वाले अवाक रह जाते हैं और उसके आकर्षण में ऐसे बंधते हैं की एकटक उसे निहारते ही रहते हैं। कुंड के इसी जल में पादप्रक्षालन कर भक्त शिव मंदिर में दर्शनों के लिए जाते हैं। जब घनघोर वर्षा होती है तो यह कुंड बरसाती जल से भर जाता है। बरसात के मौसम में झरने का आकार और उसमें जल की मात्रा बढ़ती जाती है, जिससे झरने की झर-झर का शोर भी बढ़ता जाता है। जो हमें प्रकृति के एक सुंदर दृश्य के दर्शन कराता है।
विश्व भर से भोले बाबा के भक्त उनके दर्शनों के लिए आते हैं। वैसे तो यहां हर मौसम में भक्त आते हैं लेकिन वर्षा ऋतु में यहां जाने का विशेष आनंद है। प्राकृतिक की सुंदर छटा आसमान सी ऊंचाईयां को छुती पहाड़ियां किसी का भी मन मोह लेती हैं। बारिश के बाद यहां के पहाड़ों से झरने फूट पड़ते हैं। हरी-भरी घास में लिपटे खूबसूरत पहाड़, झरने, नदियों के संगम का विहंगम दृश्य आने वाले यात्रियों को अपने मोहपाश में बांध लेता है।
शिवरात्रि, वैशाख पूर्णिमा और कार्तिक पूर्णिमा पर यहां मेला लगता है। सावन माह में बहुत से कावड़ यात्री और श्रद्धालु भोले बाबा का जलाभिषेक करने आते हैं। यहां पर जैसा भी मौसम हो प्रतिदिन विधान से पूजन किया जाता है।