नेपाल के मंदिर में पशु बलि पर प्रतिबंध

Edited By ,Updated: 29 Jul, 2015 08:45 AM

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दक्षिणी नेपाल के एक मंदिर में होने वाले पशुओं के सामूहिक बलि पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। ह्यूमेन सोसायटी इंटरनेशनल (एचएसआई) की भारतीय इकाई ने बताया कि नेपाल के

दक्षिणी नेपाल के एक मंदिर में होने वाले पशुओं के सामूहिक बलि पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।  ह्यूमेन सोसायटी इंटरनेशनल (एचएसआई) की भारतीय इकाई ने बताया कि नेपाल के गढि़माई (गाधीमाई) मंदिर में हर पांच साल में पशुओं की सामूहिक बलि दी जाती है जिस पर अब प्रतिबंध लगा दिया गया है।

पशु बलि के खिलाफ अभियान चलाने वाले पशु कल्याण तंत्र के मनोज कुमार ने कहा कि इस तरह के निर्णय से हम लोग खुश हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि अब हमारा काम समाप्त हो गया है। पशु बलि पर लगे प्रतिबंध के लिए लोगों का समर्थन जुटाना जरूरी है ताकि सही से इसका पालन किया जा सके। 

हालांकि इस मामले में मंदिर के अधिकारियों की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं उपलब्ध हो सकी है।  अंतर्राष्ट्रीय मानव समाज के अनुसार वर्ष 2009 में पांच लाख भैंसों, बकरियों, मुर्गों तथा अन्य पशुओं की बलि दी गई थी। वर्ष 2014 में भारत से पशुओं को बलि के लिए नेपाल ले जाने पर लगी रोक के बाद पिछले साल पशु बलि की संख्या में कमी आई है। 

नेपाल में कुछ समय पूर्व आए भूंकप के उपरांत सोशल मिडिया में पशुओं को बली दिए जाने का मुद्दा काफी उठा था। कहते हैं की पशुओं की बली दिए जाने पर ही इतना प्रचंड नरसंहार हुआ था।

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