खतरनाक स्थानों पर बने धार्मिक स्थल जहां पंहुचना हर किसी के बस की बात नहीं

Edited By ,Updated: 22 Sep, 2015 02:22 PM

article

संसार में भगवान के बहुत से घर हैं। जहां उन्हें विभिन्न नामों और तरीको से पूजा जाता है। कुछ स्थान तो ऐसे हैं जहां भक्तों की इतनी भीड़-भाड़ होती है की परिवार के सदस्य भी इधर-उधर हो जाते हैं लेकिन

संसार में भगवान के बहुत से घर हैं। जहां उन्हें विभिन्न नामों और तरीको से पूजा जाता है। कुछ स्थान तो ऐसे हैं जहां भक्तों की इतनी भीड़-भाड़ होती है की परिवार के सदस्य भी इधर-उधर हो जाते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं भगवान के कुछ घर ऐसे भी हैं, जहां कभी-कभार ही लोग जाते हैं और केवल एक-दो लोग ही दिखाई देते हैं। इन धार्मिक स्थानों पर पंहुचना हर किसी के बस की बात नहीं है।   

हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा में बाथू की लाड़ी नाम का भगवान शिव के 8 मंदिरों का समूह है। जो अब वर्ष के 8 महीने पानी में डूबा रहता है। इन मंदिरों में भगवान विष्‍णु, कलि और गणेश जी के स्वरूप विराजित हैं। इनके दर्शनों के लिए मार्च और जून के बीच कभी भी जाया जा सकता है।
 
जम्मू-कश्मीर के जंसकार क्षेत्र में फुकटल मोनेस्ट्री है। यह मठ बहुत बड़ी वीरान गुफा में स्थापित है। यहां जाना जोखिम भरा है क्योंकि इसके बिल्कुल सामने बहुत गहरी खाई है। यहां जाने वाले श्रद्धालुओं को पास ही में बने कस्बे पादुम से तीन दिन तक ट्रैक करके नदी पर बने सस्पेंशन पुल को पार करके जाना पड़ता है। जुलाई और सितंबर के बीच कभी भी जाया जा सकता है।
 
केरल के त्रिचूर जिले में स्थित चेरामन जुम्मा मस्जिद को भारत की पहली मस्जिद कहते हैं। इस मस्जिद का निर्माण मालिक इब्न दिनार ने 629 ईसा पूर्व में किया था।
पुरातन काल से यहां एक चिराग जल रहा है जो सदा रोशन रहता है मान्यता है कि यह एक हजार वर्ष से भी अधिक पुराना है। यहां केवल मुस्लिम ही नहीं बल्कि सभी धर्मों से संबंधित लोग चिराग के लिए तेल लेकर जाते हैं। यहां कभी भी किसी भी मौसम में जाया जा सकता है।
 
गोवा में स्थापित थ्री किंग्स चर्च एक पहाड़ी पर स्थित है। यहां से आश्चर्यजनक नजारों का आनंद लिया जा सकता है। चर्च से संबंधित डरावनी कहानी है जिसके अनुसार माना जाता है की यह चर्च भूतों का बसेरा है। वहां रहने वाले लोग मानते हैं थ्री किंग्स फीस्ट जोकि 6 जनवरी को मनाई जाती है उस दौरान जो यहां रात को रूक जाता है वो गायब हो जाता है। यहां 6 जनवरी को छोड़कर कभी भी जाया जा सकता है।
 
लद्दाख के लिकिर क्षेत्र में क्लू ख्‍़याइल गोम्पा नाम का बौद्ध मठ है। सासपोल गांव के मध्य यह एक घाटी पर स्थित है। यहां भगवान बुद्ध की 75 फुट ऊंची प्रतिमा स्थित है। इसका निर्माण लामा दुवांग चोस्जे ने 1065 में करवाया था। जून से सितंबर के मध्य यहां कभी भी जाया जा सकता है।
 
महाराष्ट्र में स्थित भूलेश्वर मंदिर पुणे के समीप श‍िव मंदिर है। यह मंदिर काले बसाल्ट रॉक से बना हुआ है। इस मंदिर की विशेषता है कि यहां गणेश जी स्त्रियों की पोशाके पहने मिलेंगे। यहां मानसून के समय में जाएं।

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!