देश के कोने-कोने में वाराजित शिव मूर्तियों के बारे में जानें

Edited By ,Updated: 15 Mar, 2016 03:02 PM

lord shiva

इस मनुष्य जीवन का एकमात्र लक्ष्य है शिव कृपा प्राप्त करना। आदि शंकराचार्य को भगवान शिव ने दर्शन देकर उनका मार्गदर्शन किया। भक्त नरसी मेहता जो

इस मनुष्य जीवन का एकमात्र लक्ष्य है शिव कृपा प्राप्त करना। आदि शंकराचार्य को भगवान शिव ने दर्शन देकर उनका मार्गदर्शन किया। भक्त नरसी मेहता जो भगवान श्री कृष्ण के अनन्य भक्त थे, उनके द्वारा एकांत स्थान में शिवालय में भगवान शिव की भक्ति करने पर भगवान शिव अत्यंत प्रसन्न हुए। वह नरसी भक्त को सशरीर गोलोक धाम ले गए और उन्हें श्री राधा कृष्ण जी के दिव्य दर्शन कराने की कृपा प्रदान की।
 
पर्वतों की ऊंची चोटियों से लेकर सागर तक शायद ही कोई स्थान होगा जहां परमात्मा शिव की मूर्ति की स्थापना न की गई हो। शायद ही कोई ऐसा धर्म ग्रंथ होगा जिसमें परमात्मा शिव की महिमा न की गई हो। भारत के इतिहास, धार्मिक ग्रंथों तथा सारे देश के कोने-कोने में शिव मूर्ति मिलती है। 
 
उत्तर में अमरनाथ (कश्मीर), हिमालय (गढ़वाल) में केदारनाथ, वाराणसी में विश्वनाथ, प्रयाग में ब्रह्मेश्वर, उज्जैन में महाकालेश्वर, मध्य प्रदेश में दूसरा प्रसिद्ध मंदिर ओंकार नाथ, बिहार में वैद्यनाथ, गंगा और सागर के संगम पर संगमेश्वर, असम में भीम शंकर, पश्चिम में सौराष्ट्र में सोमनाथ, आबू में चंद्रेश्वर और द्वारिका में भुवनेश्वर आदि। 
 

इस प्रकार जगह-जगह परमात्मा शिव की मान्यता का रूप ज्योतिबिंदु शिव की ही याद दिलाते हैं। ये मंदिर देशवासियों में भावात्मक एकता लाते हैं और सारे भारत देश के शिव भूमि होने का संदेश विश्व को देते हैं।  

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