Edited By ,Updated: 02 Aug, 2016 10:15 AM
अमरनाथ यात्रा में शेषनाग झील का धार्मिक महत्व है। सर्दियों में यह झील जम जाती है अौर यहां तक पहुचंना मुश्किल हो जाता है। यह झील जम्मू
अमरनाथ यात्रा में शेषनाग झील का धार्मिक महत्व है। सर्दियों में यह झील जम जाती है अौर यहां तक पहुचंना मुश्किल हो जाता है। यह झील जम्मू और कश्मीर में अमरनाथ गुफा के समीप स्थित है। पहलगाम से इसकी दूरी करीब 32 कि.मी. अौर चंदनवाड़ी से लगभग 16 कि.मी. है। यह झील करीब डेढ़ कि.मी. की लंबाई में फैली हुई है।
किंवदंतियों के अनुसार इस झील में शेषनाग का वास है और वे दिन में एक बार झील के बाहर दर्शन देते हैं परंतु यह दर्शन खुशनसीबों को ही प्राप्त होते हैं।
कहा जाता है कि जब भोलेनाथ माता पार्वती को अमरकथा सुनाने अमरनाथ ले जा रहे थे तो उन्होंने अपने सांपों-नागों को अनंतनाग में, नंदी को पहलगाम में, चंद्रमा को चंदनवाड़ी में अौर शेषनाग को इस झील में छोड दिया था। भोलेनाथ नहीं चाहते थे कि इस कथा को कोई अौर सुने क्योंकि दूसरा इस कथा को सुन लेता तो वह अमर हो जाता अौर सृष्टि का मूल सिद्धांत गड़बड़ हो जाता इसलिए भगवान शिव ने शेषनाग को झील में छोड़ दिया था। ताकि कोई इस झील को पार करके आगे न जा पाए। माना जाता है कि आज भी शेषनाग झील के पानी में दिखाई देता है।