EPF पर फिर पड़ सकता अड़िंगा, ब्याज घटाने पर ट्रेड यूनियनें भड़कीं

Edited By ,Updated: 26 Apr, 2016 12:16 PM

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फिर से ई.पी.एफ. पर अड़िंगा पड़ सकता है। वित्त मंत्रालय द्वारा ई.पी.एफ.ओ. के केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सी.बी.टी.) के फैसले को दरकिनार करते हुए वित्त वर्ष 2015-16 के लिए कर्मचारी भविष्य निधि (ई.पी.एफ.) जमा पर 8.75 प्रतिशत ब्याज दर को घटा कर 8.70 प्रतिशत...

नई दिल्ली: फिर से ई.पी.एफ. पर अड़िंगा पड़ सकता है। वित्त मंत्रालय द्वारा ई.पी.एफ.ओ. के केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सी.बी.टी.) के फैसले को दरकिनार करते हुए वित्त वर्ष 2015-16 के लिए कर्मचारी भविष्य निधि (ई.पी.एफ.) जमा पर 8.75 प्रतिशत ब्याज दर को घटा कर 8.70 प्रतिशत करने से देश की ट्रेड यूनियनें भड़क गई हैं।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के समर्थन वाली भारतीय मजदूर संघ (बी.एम.एस.) सहित अन्य ट्रेड यूनियनों ने वित्त मंत्रालय के ब्याज दर घटाने के निर्णय का विरोध किया है। संघ के महासचिव वृजेश उपाध्याय ने कहा, ‘‘बी.एम.एस. कर्मचारी भविष्य निधि ब्याज दरों में कटौती की पुरजोर आलोचना करता है और 27 अप्रैल को ई.पी.एफ. कार्यालयों पर विरोध प्रदर्शन करेगा।’’

उल्लेखनीय है कि गत दिनों ही कर्मचारी भविष्य निधि के नए नियमों के खिलाफ  बेंगलूर में हुए हिंसक प्रदर्शन के बाद केंद्र की मोदी सरकार ने पी.एफ . निकासी पर लगाई गई पाबंदी से जुड़ी व 1 मई से लागू होने वाली अधिसूचना को रद्द कर दिया था।

हस्तक्षेप करने वाले कौन होते हैं जेतली: सिंह
इंडियन ट्रेड यूनियन कांग्रेस के उपाध्यक्ष अशोक सिंह ने कहा, ‘‘यह गलत है। जब सी.बी.टी. ने 8.8 प्रतिशत की ब्याज दर मंजूर की थी तो वित्त मंत्री अरुण जेतली इसमें हस्तक्षेप करने वाले कौन होते हैं।’’ उन्होंने कहा कि सरकार ई.पी.एफ.ओ. को किसी प्रकार का मौद्रिक सहयोग नहीं देती। यह कर्मचारियों का पैसा है। ऐसे में सरकार को इसमें हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है। हम इसका कड़ा विरोध करेंगे।

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