दसवीं के बाद स्ट्रीम का चयन करते रखें इन बातों का ध्यान

Edited By pooja,Updated: 10 May, 2018 11:08 AM

10th students stream

दसवीं बोर्ड परीक्षा के परिणाम आने वाले हैं। गत वर्षों की तरह ही इस वर्ष भी सीबीएसई बोर्डस में 16 लाख से अधिक छात्रों ने रजिस्ट्रेशन करवाया था।

नई दिल्ली:  दसवीं बोर्ड परीक्षा के परिणाम आने वाले हैं। गत वर्षों की तरह ही इस वर्ष भी सीबीएसई बोर्डस में 16 लाख से अधिक छात्रों ने रजिस्ट्रेशन करवाया था। इसके अलावा अन्य राज्यों के बोड्र्स के माध्यम से भी लाखों की संख्या में युवाओं ने दसवीं की परीक्षा दी है। नतीजों के आधार पर एक बार फिर ग्यारहवीं में दाखिले की आपाधापी शुरू हो जायेगी। साइंस, कॉमर्स अथवा आर्ट्स में से किस स्ट्रीम में दाखिला लेना उपयुक्त होगा, यह सवाल काफी महत्वपूर्ण ही नहीं अत्यंत उलझन भरा भी होता है। छात्रों से लेकर उनके अभिभावक तक इस बात को लेकर खासे तनाव में रहते हैं।  इस सच्चाई से कतई इनकार नहीं किया जा सकता है कि यह एक तरह से करिअर का चौराहा है जहां से कई रास्ते जाते हैं। 

इस समय सही मार्ग का चुनाव करने में चूक होने का मतलब है जीवन की दशा और दिशा में हमेशा के लिए परेशानियों और तनाव की शुरुआत। इसलिए अत्यंत सोच-विचारकर और ईमानदारी से अपनी क्षमताओं तथा कमजोरियों को स्वीकारते हुए फैसला करना चाहिए। यहां पर दिखावा या झूठी शान दिखाने के चक्कर में असलियत को छिपाना भारी पड़ सकता है। 

 एप्टीच्यूड :- स्ट्रीम से सम्बंधित अंतिम निर्णय लेने में पहले यह जानना और समझना अत्यंत जरूरी है कि छात्र-छात्रा की रुचि या दिलचस्पी किन विषयों में है। अगर मैथ्स में मन नहीं लगता है तो कोई कारण नहीं है कि जबरदस्ती उसे मैथ्स सहित साइंस स्ट्रीम दिलवाई जाए। अगर उसे साइंस लेनी ही है तो उसके लिए बायोलोजी सहित साइंस का ऑप्शन हो सकता है। कमोबेश यही स्थिति कला विषयों को पसंद नहीं करने वाले युवाओं पर भी लागू होती है जिन पर अभिभावक अपना निर्णय थोपने का प्रयास करते हैं। अगर छात्र चाहते हैं तो उन्हें कॉमर्स लेने दीजिये। 

परीक्षा परिणाम :- अमूमन होता यही है कि दसवीं में जिन विषयों में सर्वाधिक माक्र्स मिले हैं उनको ही ग्यारहवीं में स्ट्रीम के चयन का आधार बनाया जाता है। कुछ हद तक तो यह ठीक है,पर कई बार पसंदीदा विषयों में किन्हीं कारणों से कम अंक मिलते हैं। ऐसे में सावधानी बरतें कि कहीं गलत निर्णय नहीं हो जाए। टीचर्स की 

राय :- स्कूल में जिन टीचर्स ने पढ़ाया है, उनसे इस बारे में सलाह-मशविरा करना गलत नहीं होगा। टीचर्स को अधिकांश छात्रों की क्षमताओं की अच्छे से जानकारी होती है। वे बड़ी बेबाकी से छात्रों की कमजोरियों और उनके सकारात्मक पहलुओं से न सिर्फ अवगत करवा सकते हैं बल्कि स्ट्रीम के चयन में भी महत्वपूर्ण सलाह दे सकते हैं। 

करियर लक्ष्य :- अगर मैथ्स और फिजिक्स जैसे सब्जेक्ट्स में गत तीन-चार वर्षों से बहुत अच्छे अंक आ रहे हैं तो इंजीनियरिंग के लक्ष्य को लेकर साइंस स्ट्रीम का चयन इस स्तर पर किया जा सकता है। यदि इन विषयों में औसत दर्जे के अंक ही अब तक रहे हैं तो अपेक्षाकृत आसान विषयों का चयन करना सही निर्णय होगा। 

सामाजिक दबाव से बचें :- महज दोस्तों की देखादेखी या सामाजिक दबाव में आकर किसी भी स्ट्रीम का चयन करना ठीक नहीं होगा। हमेशा सच्चाई से अपनी काबिलियत को स्वीकारें। निर्णय करते समय स्वयं से कारूरत से ज्यादा उम्मीदें रखना शायद सही रणनीति नहीं होगी। याद रखें कि बाद में इसकी बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है।

करियर काउंसलर की सलाह :- किसी प्रोफेशनल करिअर काउंसलर से भी इस बारे में विचार विमर्श-किया जा सकता है। वे अपने अनुभव और तरीके से छात्र के एप्टीच्यूड और सोच को अभिभावकों की तुलना में कहीं बेहतर ढंग से समझ सकते हैं। यही नहीं उनके माध्यम से नए कोर्सेस और भावी स्ट्रीटस के बारे में व्यापक जानकारी भी मिल सकती है। 

गुरुमंत्र :- अभिभावकों को अपनी आकांक्षाओं, तमन्नाओं और अपेक्षाओं को बच्चों पर इस मामले में थोपने का प्रयास नहीं करना चाहिए। बच्चों की बातों, इच्छाओं, व्यक्तित्व के रुझान, दिलचस्पियों और लक्ष्य को अत्यंत धैर्यपूर्वक समझने का प्रयास करें। अपने पक्ष को उनके समक्ष तर्कपूर्ण ढंग से रखें और भरसक प्रयास करें कि फैसला उनकी सहमति से हो। अंतिम बात यह कि जिस विषय में भी बच्चा बेहतरीन प्रदर्शन करेगा, उसी क्षेत्र में वह आकर्षक करियर बना सकता है।
 

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!