12 वर्षीय लियो ने खोला खुद का स्‍कूल, फ्री में बांट रहे शिक्षा

Edited By Sonia Goswami,Updated: 19 Dec, 2018 03:03 PM

12 year old leo opens his own school

लियोनार्डो निकानोर किंतेरोस महज 12 साल के हैं। लेकिन इस कच्‍ची उम्र में ही वह अपना खुद का एक प्राइवेट स्‍कूल चलाते हैं। यह स्‍कूल फ्री एजुकेशन यानी मुफ्त में शिक्षा की अलख जगाए हुए है। लियोनार्डो के स्‍कूल में 40 स्‍टूडेंट्स हैं, जिनमें बच्‍चों के...

लियोनार्डो निकानोर किंतेरोस महज 12 साल के हैं। लेकिन इस कच्‍ची उम्र में ही वह अपना खुद का एक प्राइवेट स्‍कूल चलाते हैं। यह स्‍कूल फ्री एजुकेशन यानी मुफ्त में शिक्षा की अलख जगाए हुए है। लियोनार्डो के स्‍कूल में 40 स्‍टूडेंट्स हैं, जिनमें बच्‍चों के साथ-साथ कई वयस्‍क भी शामिल हैं। 

लियोनार्डो को पढ़ाई-लिखाई से बहुत प्‍यार है। वह अपने इस शौक को दूसरों से साथ भी बांटना चाहते हैं। एक साल पहले की बात है। लियोनार्डो ने पाया कि उनके कई साथी स्‍कूल छोड़ रहे हैं। वजह पैसों की कमी थी। लिहाजा, लियोनार्डो ने इस ओर अपनी ओर से कुछ करने की सोची। लियो ने अपनी दादी रामोना से कहा कि वह एक स्‍कूल खोलना चाहते हैं, जहां गरीब और सड़क पर खेलने वाले बच्‍चों को मुफ्त में शिक्षा दी जाए। दादी को मासूम लियो के इस आइडिया पर गर्व महसूस हुआ और उन्‍होंने पोते की मदद की। 

स्‍कूल अर्जेटीना के Las Piedritas शहर में है। उनके स्‍कूल में 40 में से 36 बच्‍चे उम्र में उनसे छोटे हैं। जबकि अब कुछ बड़े बच्‍चे भी वहां पहुंच रहे हैं। इस फ्री प्राइवेट स्‍कूल के लियोनार्डो टीचर भी हैं और प्रिंसीपल भी। यह स्‍कूल आम स्‍कूलों से थोड़ा छोटा जरूर है, लेकिन लियो की इच्‍छाओं और शिक्षा के प्रति उनकी लगन इसे बड़ा बना देती है। स्‍कूल में लॉकर, और लाइब्रेरी भी हैइस स्‍कूल में ब्‍लैक बोर्ड और बेंच के साथ ही स्‍टूडेंट्स के लिए लॉकर, छोटी सी लाइब्रेरी और छुट्टी की घोषणा के लिए घंटी भी है। स्‍कूल में साउंड सिस्‍टम भी लगा है, जिस पर हर दिन अर्जेंटीना का राष्‍ट्र गीत भी बजाया जाता है। लियोनार्डो हर दिन सुबह पहले अपनी पढ़ाई पूरी करने स्‍कूल जाते हैं। फिर फ्री एजुकेशन देने 20 मिनट साइकल चलाकर अपने इस स्‍कूल पहुंचते हैं। वह बच्‍चों को मैथ्‍स, ग्रामर और सभी जरूरी सब्‍जेक्‍ट्स पढ़ाते हैं।

दादी रामोना कहती हैं मेरा पोता बहुत लगनशील है। बारिश हो या सर्दी, वह कभी इस स्‍कूल को मिस नहीं करता। हर दिन अपनी पढ़ाई पूरी कर दूसरों को पढ़ाने के लिए आता है। यदि किसी दिन देर हो जाती है, तो रात में भी क्‍लासेज लेता है ताकि छात्रों की पढ़ाई पीछे ना छूट जाए। 
 

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