Edited By ,Updated: 11 Feb, 2017 03:41 PM
अकसर लोग कहते हैं शब्दों का इस्तेमाल काफी सोच-समझ कर करना चाहिए। शब्द ...
नई दिल्ली : अकसर लोग कहते हैं शब्दों का इस्तेमाल काफी सोच-समझ कर करना चाहिए। शब्द अक्सर अपनी गहरी छाप छोड़ जाते हैं। ऐसे ही कुछ शब्दों की चुभन ने एक आदमी को सफलता के उस शिखर पर पहुंचा दिया, जहां पहुंचने के लोग केवल सपने देखा करते हैं। बता दें कि जॉर्ज वी नेरियापरामबिल ने फर्श से अर्श तक का सफर अपने दम पर तय किया है। दुनिया की सबसे ऊंची इमारत 'बुर्ज खलीफा' में जॉर्ज वी नेरियापरामबिल के 22 फ्लैट हैं।
जानकारी के मुताबिक, जॉर्ज वी नेरियापरामबिल ने इस बिल्डिंग में सबसे ज्यादा फ्लैट खरीदने वाले लोगों में से भी हैं। बचपन इनका बहुत गरीबी में बीता था। इनका बचपन काफी गरीबी में बिता था। वह शारजाह में अपने पिता के छोटे से कारोबार में हाथ बटाते थे, इसके साथ ही अपना भी छोटा कारोबार करते थे ताकि ज्यादा पैसे कमा सकें। जब बड़े हुए तो उन्होंने महसूस किया कि वहां इतनी गर्मी होने के कारण एयर-कंडीशनिंग का बिजनेस काफी अच्छा चल सकता है। आज उनका यही बिजनेस जीईओ ग्रुप ऑफ कंपनीज बन चुका है।
उन्होंने इस इमारत में इतने फ्लैट क्यों खरीदे, इसकी कहानी भी बड़ी रोचक है। रिश्तेदार के एक ताने ने उन्हें इतना दुख पहुंचाया कि उन्होंने बुर्ज खलीफा में इतने फ्लैट खरीद डाले। दरअसल उनके एेसे कई रिश्तेदार थे जिन्होंने कहा था कि वह इस इमारत में घुस भी नहीं पाएंगे। उसके अगले ही दिन उन्होंने अखबार में इश्तहार देखा जिसमें बुर्ज खलीफा में फ्लैट किराए पर मिल रहे थे। जॉर्ज ने उसी दिन घर किराए पर ले लिया और उसमें रहने लगे। धीरे-धीरे उन्होंने बाकी फ्लैट्स भी खरीद लिए। जॉर्ज यहीं नहीं रुकना चाहते, वह आगे इमारत में और फ्लैट्स खरीदना चाहते हैं। केरल से ताल्लुक रखने वाले जॉर्ज भारत में भी प्रकृति के लिए काम करना चाहते हैं।