Edited By Riya bawa,Updated: 14 Apr, 2020 04:22 PM
कोरोना वायरस के संक्रमण को चल रहे देशव्यापी लॉकडाउन में अधिकांश राज्य सरकारों ने स्कूलों को हिदायत दी है कि इस दौरान छात्रों से फीस न मांगी जाए। लेकिन कुछ स्कूल ऐसे भी सामने आए जो सरकार के इस आदेश का खुलेआम उल्लंघन कर रहे हैं...
नई दिल्ली: कोरोना वायरस के संक्रमण को चल रहे देशव्यापी लॉकडाउन में अधिकांश राज्य सरकारों ने स्कूलों को हिदायत दी है कि इस दौरान छात्रों से फीस न मांगी जाए। लेकिन कुछ स्कूल ऐसे भी सामने आए जो सरकार के इस आदेश का खुलेआम उल्लंघन कर रहे हैं। ऐसे में अब मैंबरज आफ इंडिपैंडेंट स्कूलज एसोसिएशन की तरफ से पंजाब सरकार और चंडीगढ़ प्रशासन को एक पत्र लिखकर उन आदेशों को रद्द करने के लिए कहा है, जिनमें कहा गया है कि लॉकडाउन खत्म होने तक कोई भी स्कूल विद्यार्थियों से फीस नहीं लेगा। एसो. में चंडीगढ़ और पंजाब के स्कूल भी शामिल हैं।
एसो. की तरफ से कहा गया है कि यदि स्कूल फीस नहीं लेंगे तो फिर अध्यापकों और दर्जा चार कर्मचारियों को वेतन नहीं दे सकेंगे। स्कूलों की तरफ से यह भी अपील की गई है कि सरकार फंड के रूप में उनका बनता पैसा उनको दे दे।
दूसरी तरफ चंडीगढ़ पेरेंट्स एसोसिएशन के प्रधान नितिन गोयल का कहना है कि प्राइवेट स्कूलों की तरफ से यह कहकर कि वह वेतन देने में समर्थ नहीं हैं, सरकार को ब्लैकमेल किया जा रहा है, जबकि सच्चाई यह है कि इन स्कूलों को काफी लाभ मिलता है। गौरतलब है कि पंजाब सरकार ने लॉकडाउन में फीस वसूलने की कोशिश में जुटे ऐसे ही 38 स्कूलों को नोटिस भेजा है।