Edited By pooja,Updated: 27 Nov, 2018 10:16 AM
उत्तरी दिल्ली नगर निगम के स्कूलों में जहां पर्याप्त शिक्षक नहीं हैं, बच्चों को पढ़ाई के लिए कॉपी किताबें नहीं मिल रही हैं। वहीं, स्कूल में डेस्क-बेंच भी नहीं होने से बच्चों को मजबूरन जमीन पर बैठकर पढ़ाई करनी पड़ रही है।
नई दिल्ली : उत्तरी दिल्ली नगर निगम के स्कूलों में जहां पर्याप्त शिक्षक नहीं हैं, बच्चों को पढ़ाई के लिए कॉपी किताबें नहीं मिल रही हैं। वहीं, स्कूल में डेस्क-बेंच भी नहीं होने से बच्चों को मजबूरन जमीन पर बैठकर पढ़ाई करनी पड़ रही है।
करीब 38 हजार बच्चों को जमीन पर बैठकर पढ़ाई कर रहे हैं। इसको लेकर सोमवार को उत्तरी नगर निगम की सदन में जमकर हंगामा हुआ। डेस्क-बेंच को स्कूलों में उपलब्ध कराने के लिए कई बार न सिर्फ सत्तारूढ़ पार्षदों ने बल्कि, विपक्ष और कांग्रेस दल के नेताओं ने भी सदन में अवाज उठाई। डेढ़ वर्ष पूरे हो जाने के बाद अभी तक डेस्क-बेंच उपलब्ध नहीं हुईं हैं। आयुक्त मधुप व्यास पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह सिर्फ आश्वासन देते हैं। जमीनी स्तर पर वह कोई कार्य नहीं करते हैं। उनके और अधिकारियों की लापरवाही के कारण ही आज बच्चे जमीन पर बैठकर पढऩे को मजूबर हैं। वहीं, इसपर महापौर आदेश कुमार गुप्ता ने तत्काल डेस्क-बेंच उपलब्ध कराने और लापरवाह अधिकारियों पर कार्रवाई करने की बात कही।
उत्तरी दिल्ली नगर निगम में कुल 718 स्कूल हैं। जिनमें करीब लाखों की संख्या में बच्चे पढ़ाई करते हैं। सोमवार को कांगे्रस दल की पार्षद पुनम बांगड़ी ने एक और मामले का उजागर करते हुए कहा कि डेस्क-बेंच न होने से उनके यहां पर बच्चे जमीन पर बैठने के लिए मजबूर हैं। डेस्क-बेंच उपलब्ध कराने के लिए वह एक या दो महीने से नहीं बल्कि पिछले डेढ़ वर्ष से आयुक्त मधुप व्यास के कार्यालय के चक्कर लगा रही हैं, लेकिन आजतक उनके विद्यालय में डेस्क-बेंच उपलब्ध नहीं कराए गए। उनके द्वारा यह आरोप लगाने के बाद भाजपा पार्षदों ने समर्थन देते हुए आयुक्त मधुप व्यास को घेरने का प्रयास किया। खुद शिक्षा समिति की अध्यक्षा रितू गोयल ने कहा कि वह कई बार करीब 19 हजार डेस्क-बेंच के लिए जल्द से जल्द टेंडर करने के लिए निर्देश दे चुकी हैं। लेकिन अभी तक इसके लिए कोई काम नहीं किया। कहा कि अधिकारी यह कहकर टाल देते हैं कि टेंडर प्रक्रिया पूरा करने का कार्य जेम्स करता है। उसके मना करने के बाद ही वह टेंडर देंगे।