Edited By Sonia Goswami,Updated: 01 Nov, 2018 10:16 AM
पॉलीटेक्निक की सेमेस्टर परीक्षा सर पर हैं और संस्थानों में पढ़ने वाले करीब आठ हजार छात्रों का अभी तक पंजीकरण नहीं हुआ है।
नई दिल्लीः पॉलीटेक्निक की सेमेस्टर परीक्षा सर पर हैं और संस्थानों में पढ़ने वाले करीब आठ हजार छात्रों का अभी तक पंजीकरण नहीं हुआ है। इससे उनके भविष्य पर खतरा मंडराने लगा है। संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद और संस्था के बीच फंसे छात्रों का डाटा ऑनलाइन न होना इस समस्या का मुख्य कारण सामने आया है। संस्थानों ने भी छात्रों से मनमाफिक फीस ले ली, लेकिन उनका पंजीकरण नहीं करा पाया। ऐसे में बिना पंजीकरण पढ़ने वाले छात्र सेमेस्टर परीक्षा में नहीं बैठ सकेंगे। इससे उनका पूरा एक वर्ष बर्बाद होगा।
पॉलीटेक्निक के शैक्षिक सत्र 2018-19 में कुल 7967 छात्र-छात्राएं ऐसे हैं, जिनका प्रवेश रुक गया है। संस्थानों में पढ़ाई करने वाले ऐसे छात्रों का पंजीकरण वेबपोर्टल पर नहीं हो सका है। प्राविधिक शिक्षा परिषद की ओर से जारी प्रवेशित सूची से यह सभी छात्र बाहर है। संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद की मानें तो अभ्यर्थियों की ओर से नामांकन शुल्क जमा नहीं किया गया है। इसके चलते उन्हें प्रवेश नहीं दिया गया है। इसमें नामांकन शुल्क जमा न करने वाले 2218 अभ्यर्थी, फोटो अपलोड और नामांकन शुल्क जमा न करने वाले 758 एवं अपूर्ण विवरण व नामांकन शुल्क जमा न करने वाले 4157 अभ्यर्थी शामिल हैं।
182 छात्रों का डाटा संशोधित नहीं हुआ
प्रदेश भर में 182 छात्र ऐसे हैं जिनके ब्रांच परिवर्तन की अपील संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद से हुई थी, लेकिन 15 अगस्त तक उनकी ब्रांच परिवर्तन का काम नहीं हुआ, इससे ये छात्र भी भटकने पर मजबूर है।
230 छात्रों को प्रवेश क्षमता से अधिक मिला प्रवेश
राजकीय से निजी संस्थानों में प्रत्येक कोर्स में प्रवेश क्षमता 60 है या 30। परिषद की ओर से संस्थानों में प्रवेश क्षमता से अधिक छात्रों को प्रवेश मिला है, जिससे छात्रों को परेशानी बनी हुई है।
लखनऊ और रायबरेली में भी संकट
राजधानी के लखनऊ इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी और रायबरेली के कंचन पॉलीटेक्निक में भी प्रवेश में गड़बड़ियां पाई गई हैं। इसमें कंचन में सबसे ज्यादा 422 छात्रों का पंजीकरण नहीं हो पाया है।
क्या कहते हैं जिम्मेदार
- पॉलीटेक्निक में प्रवेश की जिम्मेदारी संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद की है। अनियमितताएं सामनें आई हैं। शासन को पत्र लिखकर प्रवेश देने की मांग की गई है। अनुमति नहीं मिलने पर छात्र परीक्षा में नहीं बैठ सकेंगे।
संजीव कुमार सिंह, सचिव, प्राविधिक शिक्षा परिषद
- ऑनलाइन काऊंसलिंग कराई गई थी। संस्थानों ने छात्रों का डाटा पोर्टल पर नहीं भरा है। 15 अगस्त तक आवेदन मांगे गए थे। तब तक इन छात्रों का डाटा ऑनलाइन नहीं किया गया। पंजीकरण से बाहर रहने वाले छात्रों के लिए संस्था पूरी तरह से जिम्मेदार है।
एफआर खान, सचिव, संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद।