Edited By Riya bawa,Updated: 30 Aug, 2019 11:17 AM
दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (डूटा) अध्यक्ष और एग्जीक्यूटिव सदस्यों ...
नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (डूटा) अध्यक्ष और एग्जीक्यूटिव सदस्यों के लिए वीरवार को हुए चुनाव में लेफ्ट और राइट के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिली। वीरवार को हुए मतदान में शिक्षकों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और मतदान प्रतिशत लगभग 82.36 प्रतिशत रहा। कुल 9630 मतदाताओं में से 7931 ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। वाम शिक्षक संगठन डीटीएफ की तरफ से इस बार अध्यक्ष पद पर पूर्व डूटा अध्यक्ष राजीव रे और संघ की विचारधारा वाले शिक्षक संगठन एनडीटीएफ की तरफ से एके भागी के बीच सीधी टक्कर है। दोनो के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिल रहा है।
खबर लिखे जाने तक 2937 वोटों की गिनती हो चुकी थी और डीटीएफ के राजीव रे आगे चल रहे थे। राजीव रे को 1428 और एके भागी को 1287 वोट मिले थे। जबकि 222 वोट अवैध घोषित किए गए थे। हालांकि 15 सदस्यों के लिए होने वाले डूटा एक्सीक्यूटिव चुनाव में डूटा का चार सदस्य पूरा पैनल जीत दर्ज करने में कामयाब रहा है।डीटीएफ का एक प्रत्याशी बाहर हो गया। ऐसे में एनडीटीएफ और डीटीएफ में बाजी किसके हाथ लगेगी यह अंतिम राउंट की गिनती तक अंदाजा लगाना मुश्किल है।
ये चुने गए डूटा एग्जीक्यूटिव
डूटा एक्सीक्यूटिव के चुनाव में उतरे 20 प्रत्याशियों में सें 15 चुन लिए गए है। एएडी की अंजू जैन, डीटीएफ के बिश्वजीत मोहंती, इंटेक के प्रदीप, रियाजुद्दीन, व समाजवादी शिक्षक मंच के शशिशेखर चुनाव हार गए। जबकि डीटीएफ की आभा हबीब, जितेंद्र कुमार मीणा, वीएस दीक्षित ने जीत दर्ज की। एएडी के अलोक पांडेय, प्रेमचंद्र ओर राहुल कुमार ने जीत दर्ज की। जबकि एनडीटीएफ का पूरा पैनल हरेंद्र कुमार सिंह, लोकी कुमारी खन्ना, महेंद्र कुमार मीणा और तरुण कुमार गर्ग ने जीत दर्ज की। इंटेक के उदयवीर सिंह व विवेक चौधरी को भी जीत मिली। एसडीटीएफ के रविकांत, सीटीएफ के पप्पू राम मीणा और यूटीएफ के राजेंद्र सिंह के खाते में भी जीत आई है।
मतदान के समय लेफ्ट हो गया राइट, राइट हो गया लेफ्ट
मतदान के लिए जाने वालों से अपने पक्ष में वोट करने के लिए कहने के लिए आर्ट फैकल्टी पर बने मतदान केंद्र के बाहर खड़े थे। खड़े होते समय जहां संघ विचारधारा वाले एनडीटीएफ के प्रत्याशी और समर्थक बायीं तरफ थे, तो वहीं वामदल डीटीएफ के प्रत्याशी व समर्थक दायीं तरफ थे। ऐसे में आम शिक्षक आपस में मजाक करते दिखाई दिए कि वोट के टाइम राइट लेफ्ट हो गया और राइट लेफ्ट।