Edited By Sonia Goswami,Updated: 24 Sep, 2018 10:44 AM
ट्रांसजेंडर को कई लोग समाज से अलग समझते हैं, लेकिन यही ट्रांसजेंडर्स लोगों के लिए मिसाल बनते जा रहे हैं। आज हम एक ऐसी ही 22 साल की ट्रांसजेंडर मालिनी दास के बारे में बताने जा रहे हैं जो राजस्थान की पहली ट्रांसजेंडर इंजीनियर बन गई हैं।
नई दिल्लीः ट्रांसजेंडर को कई लोग समाज से अलग समझते हैं, लेकिन यही ट्रांसजेंडर्स लोगों के लिए मिसाल बनते जा रहे हैं। आज हम एक ऐसी ही 22 साल की ट्रांसजेंडर मालिनी दास के बारे में बताने जा रहे हैं जो राजस्थान की पहली ट्रांसजेंडर इंजीनियर बन गई हैं। मालिनी अपने समुदाय की पहली ट्रांसजेंडर इंजीनियर हैं। उन्होंने जयपुर के एक प्राइवेट यूनिवर्सिटी से कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग की है। इसी साल उन्होंने अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की है।
मालिनी का जन्म बंगाल के बेरहमपुर में हुआ और वहीं वह पली-बढ़ीं। वह इंजीनियिंग की पढ़ाई करने के लिए जयपुर आई थीं। आज मालिनी ट्रांसजेंडर युवाओं की आवाज बन गई है जो दूसरों को अपने समुदाय से प्रोत्साहित करती हैं. वह अपनी उपलब्धियों के साथ खुश हैं। अभी वह जयपुर में एक बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग (बीपीओ) में काम कर रही हैं।