निजी स्कूलों की एग्जिसिंटग सूची जारी न होने से छात्रों का भविष्य दांव पर

Edited By pooja,Updated: 21 Jan, 2019 09:33 AM

absence of the exhaustive list of private schools the future of the students

हरियाणा निजी स्कूल संघ ने आज आरोप लगाया कि पिछले डेढ़ वर्ष से निजी स्कूलों की एग्जिसिंटग सूची जारी न होने से प्रदेश भर से हजारों छात्रों का भविष्य दांव पर है।

हिसार: हरियाणा निजी स्कूल संघ ने आज आरोप लगाया कि पिछले डेढ़ वर्ष से निजी स्कूलों की एग्जिसिंटग सूची जारी न होने से प्रदेश भर से हजारों छात्रों का भविष्य दांव पर है।  संघ ने आज यहां जारी बयान में कहा कि एग्जिसिंटग सूची जारी न होने से इन स्कूलों में आठवीं कक्षा में पढ़ रहे छात्रों का अभी तक एनरोलमेंट नहीं हुआ है, जिसके चलते ये बच्चे परीक्षा देने से वंचित रह सकते हैं।   

संघ ने इस मुद्दे के लिए भाजपा सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए एग्जिसिंटग स्कूलों की लिस्ट जल्द से जल्द भिवानी बोर्ड भेजे जाने की मांग की है ताकि इन स्कूलों में आठवीं कक्षा में पढ़ रहे बच्चों का एनरोलमेंट हो सके।  संघ के प्रदेशाध्यक्ष सत्यवान कुंडू के अनुसार शिक्षा विभाग ने 31 मार्च 2007 से पहले के सबूतों के आधार पर प्राइवेट स्कूलों से फाइलें मांगी थी, जिसमें प्रदेश भर से 431 स्कूलों की फाइलें जिला स्तरीय कमेटी ने फाइनल करके शिक्षा सदन पंचकुला भेज दी गईं लेकिन अभी तक इन स्कूलों को एग्जिसिंटग लिस्ट में शामिल नहीं किया गया है। वहीं भिवानी स्थित शिक्षा बोर्ड ने इस बार आठवीं कक्षा के एनरोलमेंट करवाने शुरू कर दिए हैं, लेकिन एग्जिसिंटग सूची में नाम न होने के चलते अस्थाई संबंद्धता लेने से वंचित रहने के कारण इन स्कूलों में आठवीं कक्षा में पढ़ रहे लगभग 21521 छात्रों के एनरोलमेंट नहीं हो सके हैं।  


उन्होंने कहा कि इन स्कूलों में बहुत से स्कूल ऐसे भी हैं, जिन्होंने वर्ष 2011 तक आठवीं कक्षा की परीक्षा भिवानी बोर्ड से दिलवाई थी, लेकिन बाद में आठवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाएं बंद कर दी गई लेकिन इस बार बोर्ड ने आठवीं कक्षा में पढऩे वाले बच्चों के एनरोलमेंट करने शुरू कर दिए हैं, जिसके चलते एग्जिसिंटग सूची में शामिल होने से वंचित स्कूलों के छात्र प्रभावित हो रहे हैं। उन्होंने मांग की कि जल्दी से जल्दी ऐसे स्कूलों के नाम भिवानी बोर्ड भेजे जाएं और एनरोलमेंट की तिथि बढ़ाकर इन स्कूलों के छात्रों के एनरोलमेंट करवाए जाएं ताकि बच्चों का भविष्य खराब न हो।  श्री कुंडू ने कहा कि 28 अक्टूबर 2015 को मुख्यमंत्री के आदेश पर उनके प्रधान सचिव राजेश कुमार खुल्लर की अध्यक्षता में हुई बैठक में स्कूलों की तीसरी मंजिल के लिए भूमि में 30 प्रतिशत की छूट देने पर सहमति बनी थी, लेकिन तीन वर्ष बीत जाने के बावजूद अभी तक इसका नोटिफिकेशन जारी नहीं हुआ है, जिससे बहुत से स्कूल मान्यता लेने से वंचित है। इसलिए विभाग तीसरी मंजिल के लिए भूमि में 30 प्रतिशत की छूट का नोटिफिकेशन भी जल्द से जल्द जारी करे। 

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