Edited By pooja,Updated: 17 Oct, 2018 06:07 PM
प्रसिद्ध अर्थशास्त्री अरविंद पनगढिय़ा विभिन्न प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों के नीति विशेषज्ञों और शिक्षाविदों को एक मंच पर लाने की मुहिम चला रहे हैं।
न्यूयॉर्क: प्रसिद्ध अर्थशास्त्री अरविंद पनगढिय़ा विभिन्न प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों के नीति विशेषज्ञों और शिक्षाविदों को एक मंच पर लाने की मुहिम चला रहे हैं। ये विशेषज्ञ और अर्थशास्त्री भारत में 2019 के आम चुनाव के बाद बनने वाली नई सरकार को भारतीय अर्थव्यवस्था के समक्ष मौजूद चुनौतियों से निपटने में मदद देंगे। ऐसे में नई सरकार अपने सुधार एजेंडा को तैयार कर सकेगी।
पनगढिय़ा जनवरी, 2015 से अगस्त, 2017 तक नीति आयोग के पहले उपाध्यक्ष रहे है। उन्होंने कहा कि वह कोलंबिया विश्वविद्यालय के तहत ‘दीपक एंड नीरा राज सेंटर’ के अंतर्गत इन अर्थशास्त्रियों तथा नीति विशेषज्ञों को एक मंच पर लाने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इससे अंतरराष्ट्रीय व्यापार नीति, वित्तीय क्षेत्र सुधार, सिविल र्सिवस और न्यायिक सुधार, निजीकरण, गरीबी, रोजगार और स्वास्थ्य जैसे विषयों पर अधिक गंभीर आॢथक नीति विश्लेषण किया जा सकेगा।
पनगढिय़ा ने कहा, ‘‘भारत में सुधारों की प्रक्रिया अभी पूरी नहीं हुई है। इस दिशा में अच्छी प्रगति हुई है, लेकिन अभी लंबी दूरी तय करनी है। आज की जटिल दुनिया में भारत से संबंधित मुद्दों पर विशेषज्ञों द्वारा अधिक गंभीर आर्थिक विश्लेषण की जरूरत है।’’