Edited By Sonia Goswami,Updated: 29 Oct, 2018 02:31 PM
अमरीका और कनाडा में अंडरग्रैजुएट स्कूलों में दाखिले के लिए SAT टेस्ट देना होता है। इसका पूरा नाम स्कॉलैस्टिक असेसमेंट टेस्ट (Scholastic Assessment Test-SAT) है।
नई दिल्लीः अमरीका और कनाडा में अंडरग्रैजुएट स्कूलों में दाखिले के लिए SAT टेस्ट देना होता है। इसका पूरा नाम स्कॉलैस्टिक असेसमेंट टेस्ट (Scholastic Assessment Test-SAT) है। इस परीक्षा का आयोजन कॉलेज बोर्ड नाम की संस्था द्वारा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किया जाता है। अगर कोई छात्र किसी खास विषय में दाखिला लेना चाहता है तो उसे SAT सब्जेक्ट टेस्ट देना होता है। आमतौर पर साहित्य, इतिहास, गणित, विज्ञान एवं विदेशी भाषाओं के लिए SAT subject tests होता है। इसमें कैंडिडेट्स के लेखन, मौखिक और गणित कौशल का परीक्षण किया जाता है
सैट पैटर्न
सैट में मैथ, रीडिंग और राइटिंग से सवाल आते हैं। एक अलग सेक्शन होता है जिसे निबंध कहा जाता है। इसमें 50 मिनट का एक लंबा पैसेज दिया जाता है। इस सेक्शन के मार्क्स को स्कोर में शामिल नहीं किया जाता है।
सैट टेस्ट डेट्स 2018
जैसे पहले बता चुके हैं कि SAT में दो टेस्ट होता है एक जनरल और एक खास विषय के लिए। जनरल सैट का आयोजन साल में चार बार होता है जबकि सब्जेक्ट टेस्ट का आयोजन साल में पांच बार होता है। सैट का आयोजन आम तौर पर मई, जून, अगस्त, अक्टूबर, नवंबर, दिसंबर और मार्च के महीने में होता है। छात्र जितनी बार चाहे सैट टेस्ट दे सकते हैं लेकिन हर बार उनको निर्धारित फीस देनी होगा। सैट टेस्ट और सैट सब्जेक्ट टेस्ट का आयोजन कई बार एक ही तारीख पर होता है, इसलिए आवेदन करते समय ध्यान जरूर दें।
सैट के लिए पात्रता
कॉलेज बोर्ड ने कोई खास योग्यता इसके लिए निर्धारित नहीं की है। कोई न्यूनतम या अधिकतम सीमा तय नहीं है और न ही शैक्षिक योग्यता। 10वीं के बाद कोई भी कैंडिडेट्स इसके लिए आवेदन कर सकता है।
सैट के लिए पंजीकरण
सैट एग्जाम के लिए ऑनलाइन और डाक दो माध्यम से आवेदन किया जा सकता है। वैसे ऑनलाइन माध्यम ज्यादा सुविधाजनक और तेज है। 13 साल से कम उम्र के छात्रों को ऑफलाइन यानी फॉर्म भरकर डाक के माध्यम से ही भेजना होता है। कॉलेज बोर्ड की ऑफिशल वेबसाइट पर आवेदन करते समय कैंडिडेट्स अपने एग्जाम सेंटर और तारीख की प्राथमकिता का चुनाव कर सकते हैं।
सैट रिजल्ट
सैट टेस्ट का रिजल्ट परीक्षा के 4-5 हफ्ते के अंदर जारी कर दिया जाता है और ऑनलाइन देखा जा सकता है। जिस कॉलेज में छात्र दाखिला लेना चाहता है, उस कॉलेज में उसे अपना स्कोर भेजना होता है।