Edited By Sonia Goswami,Updated: 17 Sep, 2018 09:00 AM
पंजाब सरकार के स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा राज्य के एसोसिएट स्कूलों के लिए अगले वर्ष से कंटीन्यूशन परफॉर्मा जारी न करने के विरोध में स्कूल संचालक लामबंद हो गए हैं। रविवार को 5 लाख विद्यार्थियों के भविष्य के सवाल पर एसोसिएट स्कूल्स एकजुट हो गए हैं।
लुधियाना (विक्की): पंजाब सरकार के स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा राज्य के एसोसिएट स्कूलों के लिए अगले वर्ष से कंटीन्यूशन परफॉर्मा जारी न करने के विरोध में स्कूल संचालक लामबंद हो गए हैं। रविवार को 5 लाख विद्यार्थियों के भविष्य के सवाल पर एसोसिएट स्कूल्स एकजुट हो गए हैं। एसोसिएट स्कूलों के संचालकों की राज्य स्तरीय बॉडी ज्वाइंट एक्शन फ्रंट पंजाब एसोसिएट स्कूल की मीटिंग चंडीगढ़ रोड स्थित श्रीराम दरबार मंदिर के हाल में हुई, जिसमें विभिन्न जिलों के स्कूल संचालकों ने शामिल होकर सरकार व बोर्ड के उक्त निर्णय पर विरोध जताया। मीटिंग के दौरान सरकार व बोर्ड के खिलाफ संघर्ष की रूपरेखा तैयार करने से पहले शिक्षा मंत्री ओ.पी. सोनी व मुख्यमंत्री कै. अमरेन्द्र सिंह से मिलने का फैसला किया गया ताकि बोर्ड द्वारा जारी उक्त फरमान के कारणों का पता लगाकर वास्तिवकता मुख्यमंत्री के ध्यान में लाई जा सके।
फ्रंट के मैंबरों ने कहा कि बोर्ड द्वारा अब एसोसिएट स्कूलों के लिए जो नई शर्त लगाने की चर्चा है उसमें स्कूूलों को एफीलिएशन के नियमों को पूरा करना होगा। मगर एसोसिएट स्कूलों के लिए अगर एफीलिएटिड स्कूलों के समान शर्त लगाई गईं तो सबसे पहलेे स्कूलों को जगह की कमी को पूरा करना होगा, जो मौजूदा हालातों के मद्देनजर संभव नहीं है। क्योंकि पिछले लम्बे समय से चल रहे एसोसिएट स्कूलों की मौजूदा जगह के इर्द-गिर्द अन्य लोगों के मकान व बिल्डिगें बन चुकी हैं तो उक्त स्कूल अब बोर्ड की जगह वाली शर्त को पूरा करने के लिए कैसे अपने साथ लगती जगह को खरीद सकते हैं।
मगर बोर्ड जानबूझ कर स्कूलों पर जगह की शर्त थोपना चाह रहा है, जो मंजूर नहीं है। उन्होंने कहा कि जगह की शर्त को छोड़कर स्कूल सभी शर्तें व नियम पहले से ही मान रहे हैं। स्कूलों ने एकसुर में कहा कि एसोसिएट स्कूली बच्चों को शिक्षित करके सरकार का ही कार्य कर रहे हैं। इसलिए सरकार व बोर्ड को स्कूलों का सहयोग करना चाहिए न कि ऐसे बेतुके फरमान जारी करके स्कूलों को परेशान करना चाहिए। इस मौके पर जे.पी. भट्ट, रमन सैनी, संजीव कुमार, संजय कुमार, रिशी कौशिक, राजिन्द्र शुक्ला, जगमोहन बिष्ट, कमल सेमवाल, डॉली भट्ट, वीनू वर्मा, रूपलाल ठाकुर, सुभाष बमोला, कुलदीप शर्मा, एडवोकेट सुनील शर्मा, अमरनाथ, फगवाड़ा से जसमीत सिंह, बरजिन्द्र सग्गू, आर.डी. धुन्ना, इकबाल सिंह धालीवाल, विमल छाबड़ा, कंवरजीत संधू, कांता मरवाहा, सुषमा कपूर, आशु भट्ट, मनमोहन बमोला आदि उपस्थित थे।
स्कूलों में नहीं मिली टीमों को कोई कमी : प्रभातदीप
फ्रंट के एग्जीक्यूटिव मैंबर फगवाड़ा के प्रभातदीप ने कहा कि 2011 में एसोसिएट स्कूलों के लिए बोर्ड द्वारा बनाए गए नियमों को सभी स्कूलों ने पूरा किया है, जिसकी बाकायदा शिक्षा विभाग की टीमों ने चैकिंग भी की है। बार-बार स्कूलों की चैकिंग में सबकुछ दुरुस्त पाए जाने के बाद एसोसिएट स्कूलों के लिए बंद करने जैसा फरमान जारी करने का कोई औचित्य नहीं है।
5 लाख बच्चों के भविष्य की बोर्ड को नहीं ङ्क्षचता : ठाकुर आनंद
सीनियर उप-प्रधान ठाकुर आनंद सिंह व सैक्रेटरी पृथीपाल सिंह ने कहा कि राज्य के 2184 एसोसिएट स्कूलों में 5 लाख से अधिक विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं और करीब 40 हजार अध्यापक पढ़ा रहे हैं। बोर्ड के एकाएक जारी उक्त निर्णय से विद्यार्थियों व अध्यापकों के भविष्य पर क्या असर होगा इस बारे अधिकारियों ने नहीं सोचा।
कम फीसें लेकर दे रहे क्वालिटी एजुकेशन : सुरजीत संधू
मीटिंग में फ्रंट के प्रधान सुरजीत सिंह संधू (मोहाली) ने कहा कि बोर्ड के फरमान के बाद स्कूल संचालकों में रोष व्याप्त है। पिछले कई वर्षों से एसोसिएट स्कूल राज्य के विद्यार्थियों को कम फीसों में क्वालिटी एजुकेशन दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि बोर्ड द्वारा 7 वर्ष पहले बनाई गई 18 मैंबरी कमेटी की बिना मीटिंग के स्कूलों के लिए उक्त फरमान जारी करना गलत है। बोर्ड द्वारा स्कूलों को कंटीन्यूशन फार्म जारी न करने का कारण भी नहीं बताया गया और वैबसाइट पर पत्र अपलोड कर दिया गया, जो स्कूलों के साथ अन्याय है।