यहां चिकित्सा केंद्रों में चिकित्साधिकारियों के पद रिक्त

Edited By ,Updated: 29 Dec, 2016 12:43 PM

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भटियात उपमंडल में आयुर्वैदिक चिकित्सा पद्धति के माध्यम से इलाज करवाने के लिए जगह-जगह 10 आयुर्वैदिक चिकित्सा केंद्र खोले गए हैं परंतु इनमें से 7 केंद्र ऐसे हैं जहां चिकित्सा अधिकारियों के पद पिछले कई...

नई दिल्ली : भटियात उपमंडल में आयुर्वैदिक चिकित्सा पद्धति के माध्यम से इलाज करवाने के लिए जगह-जगह 10 आयुर्वैदिक चिकित्सा केंद्र खोले गए हैं परंतु इनमें से 7 केंद्र ऐसे हैं जहां चिकित्सा अधिकारियों के पद पिछले कई महीनों से खाली पड़े हैं। इन पदों के नहीं भरे जाने से लोगों को अपना इलाज करवाने के लिए काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। जानकारी के अनुसार आयुर्वैदिक चिकित्सा उपमंडल भटियात स्थित टुंडी के तहत खरगट, धुलारा, गरनोटा, रायपुर, तुरकड़ा, होबार व कुट नामक स्थानों पर स्थित आयुर्वैदिक चिकित्सा केंद्रों में चिकित्सा अधिकारियों के पद पिछले कई माह से रिक्त चल रहे हैं।

चिकित्सा केंद्रों पर मात्र फार्मासिस्टों की नियुक्ति
इन चिकित्सा केंद्रों पर मात्र फार्मासिस्टों की नियुक्ति करके जैसे-तैसे काम चलाया जा रहा है। इन चिकित्सा संस्थानों में खरगट व गरनोटा के लिए एक ही फार्मासिस्ट नियुक्त है और सप्ताह में 3 दिन उसे गरनोटा व 3 दिन के लिए खरगट जाना पड़ता है। ऐसे में उसकी अनुपस्थिति में 3-3 दिन तक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को ही इन चिकित्सा केंद्रों को खोलने व बंद करने की औपचारिकता निभानी पड़ती है। कुट नामक स्थान पर अभी 4-5 वर्ष पूर्व ही 10 लाख रुपए की लागत से एक नया आयुर्वैदिक भवन भी बनाया गया है परंतु यह भी अब बिना चिकित्सक के खाली पड़ा है। लोगों के अनुसार एक तरफ तो सरकार आयुर्वैदिक चिकित्सा पद्धति को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं बनाती है परंतु खोले गए इन केंद्रों में महीनों तक चिकित्सकों की नियुक्तियां न करना समझ से परे है। उनके अनुसार वे अपना इलाज करवाने के लिए आयुर्वैदिक चिकित्सा पद्धति का सहारा लेते हैं परंतु चिकित्सक न होने से उन्हें मायूसी का सामना करना पड़ता है। 

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