एग्जाम से पहले CBSE ने दी स्टूडेंट्स को बड़ी राहत, पास होने के लिए चाहिए इतने मार्क्स

Edited By Punjab Kesari,Updated: 28 Feb, 2018 02:04 PM

before the examination cbse gave great relief to the students

एग्जाम शुरु होने से कुछ ही दिनों पहले सीबीएसई बोर्ड ने बड़ा बदलाव करते हुए स्टूडेंट्स को राहत दी है। बोर्ड ने परीक्षा ...

नई दिल्ली : एग्जाम शुरु होने से कुछ ही दिनों पहले सीबीएसई बोर्ड ने बड़ा बदलाव करते हुए स्टूडेंट्स को राहत दी है। बोर्ड ने परीक्षा में पासिंग मार्क्स को लेकर बदलाव करते हुए 10वीं कक्षा के छात्रों को पास होने के लिए ओवरऑल 33 फीसदी अंक जरुरी किए है। हालांकि नियम सिर्फ 10वीं बोर्ड के 2017-18 बैच के परीक्षार्थियों पर लागू होगा। स्टूडेंट्स को एग्जाम में पास होने के लिए सिर्फ इंटरनल और बोर्ड परीक्षा के मूल्यांकन को मिलाकर 33 फीसद अंक प्राप्त करना ही अनिवार्य होगा। छात्रों को अब 20 अंक की इंटरनल्स और 80 अंक की बोर्ड परीक्षा में मिलाकर 33 फीसदी अंक हासिल करने होंगे। गौरतलब है कि इससे पहले स्टूडेंट्स को को पास होने के लिए इंटरनल और बोर्ड के मूल्यांकन में अलग-अलग 33 फीसद अंक प्राप्त करना जरुरी होता था। 

हालांकि, पास होने का यह मानदंड सिर्फ इसी सेशन की बोर्ड परीक्षा के लिए लागू रहेगा। मौजूदा बैच में 5 मुख्य विषयों की परीक्षा होनी है। इसके अलावा जिन छात्रों के पास 6 या 7 एडिशनल सब्जेक्ट्स हैं उन्हें भी नए नियम का लाभ मिलेगा। 6 या 7 एडिशनल सब्जेक्ट्स में भी छात्रों को पास होने के लिए अलग-अलग 33 फीसद अंक प्राप्त नहीं करने होंगे। एडिशनल सब्जेक्ट्स में इंटरनल और बोर्ड परीक्षा में मिलाकर न्यूनतम 33 फीसद अंक प्राप्त करने वाले छात्र परीक्षा में पास माने जाएंगे

आठ साल बाद फिर बोर्ड प्रणाली लागू
2009 में CCE (कंटीन्यूअस एंड कम्प्रेहैन्सिव इवैल्यूएशन) लागू होने के आठ साल बाद इस बार फिर से बोर्ड लागू कर दिया गया है। 2010 में दसवीं की परीक्षा देने वाले छात्रों के लिए बोर्ड एग्जाम वैकल्पिक कर दिया गया था। लेकिन 2017 में फिर बोर्ड प्रणाली लागू कर दिया गया।

परीक्षार्थियों को राहत देने की कोशिश
मार्किंग के नए नियम के बारे में सीबीएसई का कहना है कि चूंकि बोर्ड एग्जाम लागू होने के बाद इस बार दसवीं की परीक्षा देने वाले छात्रों का यह पहला बैच है, इसलिए इस बार परीक्षार्थियों को थोड़ी राहत देने की कोशिश की गयी है। साथ ही यह नियम उन छात्रों के लिए भी मान्य है जो नेशनल स्किल्स क्वॉलिफिकेशंस फ्रेमवर्क स्किम के तहत परीक्षा दे रहे हैं। इसके अलावा वोकेशनल विषयों के लिए इंटरनल असेसमेंट के 50 नंबर जोड़े जाएंगे। यही नहीं इस कोर्स में अलग-अलग विषय में अलग से पास करने वाला नियम भी लागू नहीं होगा।
 

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