BHU के पूर्व कुलपति के कारण लटका भदोही कारपेट, पीएम ने दिया विवि बनाने का निर्देश

Edited By Sonia Goswami,Updated: 21 Aug, 2018 11:34 AM

bhadohi carpet hanging due to former vice chancellor of bhu

भाजपा सांसद व भारतीय किसान मोर्चा के अध्यक्ष वीरेन्द्र सिंह "मस्त" बीते कई वर्ष से अपने संसदीय क्षेत्र भदोही में कारपेट व टेक्सटाइल उच्च प्रशिक्षण संस्थान खोलने का प्रयास कर रहे थे। इसके लिए कपड़ा मंत्रालय ने मंजूरी दे दी है।

नई दिल्लीः भाजपा सांसद व भारतीय किसान मोर्चा के अध्यक्ष वीरेन्द्र सिंह "मस्त" बीते कई वर्ष से अपने संसदीय क्षेत्र भदोही में कारपेट व टेक्सटाइल उच्च प्रशिक्षण संस्थान खोलने का प्रयास कर रहे थे। इसके लिए कपड़ा मंत्रालय ने मंजूरी दे दी है। पीएम नरेन्द्र मोदी ने इसके लिए निर्देश दे दिया है | इसको आईआईआईटी इलाहाबाद के अधीन रखा जाए या बीएचयू वाराणसी के अधीन, इसको लेकर कुछ माह तक फाइल इधर-उधर होती रही। गिरिश्वर मिश्र तब बीएचयू के कुलपति थे। वह चाहते थे कि भदोही कारपेट व टेक्सटाइल संस्थान के तौर पर बीएचयू के अधीन रहे। इसके लिए गिरिश्वर मिश्र ने अपने उन शुभचिंतकों के मार्फत दबाव बनाना शुरू कर दिया, जिसने उनको कुलपति बनवाया था, जबकि कपड़ा मंत्रालय इसे एक स्वतंत्र संस्थान बनाना चाहता है। इसके चलते इसकी फाइल कई माह तक लटकी रही, तो भदोही के सांसद वीरेन्द्र सिंह "मस्त" ने इसके बारे में प्रधानमंत्री कार्यालय को बताया। वहां से जब इस प्रोजेक्ट की प्रगति की तहकीकात की गई ,तब पता चला की बीएचयू के कुलपति इसे अपने अधीन चाहते हैं। ताकि इसके लिए भवन निर्माण से लगायत नियुक्ति तक का सब कुछ में वे अपनी मनमर्जी कर सकें।  भवन निर्माण का ठेका अपने किसी को दे सकें , नियुक्ति में अपनी जाति वालों को भ्रष्ट तरीके से भर सकें, जैसा कि उनपर बीएचयू में यह सब करने का प्रमाण सहित आरोप लगता रहा था।

 

जिसका प्रमाण सहित शिकायत मानव संसाधन विकास मंत्रालय को भी की गई थी। पीएमओ को भी की गई थी। इस बारे में बीएचयू छात्रसंघ अध्यक्ष रहे व उ.प्र.कांग्रेस के पदाधिकारी अनिल श्रीवास्तव का कहना है कि गिरिश्वर मिश्र पर कुलपति रहने के दौरान अपनी जाति के 50 से अधिक अध्यापकों व अन्य कर्मचारियों को नियुक्त करने का प्रमाण सहित अनेक आरोप लगे थे। इन पर अपने लोगों को करोड़ो-करोड़ रुपयेए का ठेका देने का भी प्रमाण सहित आरोप लगा था।

 

विश्वविद्यालय में इनके घमंडी व्यवहार व भ्रष्टाचार को लेकर छात्र-प्रदर्शन तक कर चुके हैं और छात्रों-छात्राओं पर इन्होंने लाठी चार्ज भी करा दिया, जिसके बाद उनको कुलपति पद से हटाने की मांग बनारस की जनता भी करने लगी थी। नियुक्ति व निर्माण कार्य में भ्रष्टाचार की शिकायत मिलने के बाद मानव संसाधन विकास मंत्रालय में भी उनको हटाने की बात होने लगी। उसी समय उनके कारपेट व टेक्सटाइल संस्थान भदोही को अपने कब्जे में करने के लिए हथकंडा अपनाने की सूचना प्रधानमंत्री कार्यालय को मिल गई, जिसके बाद उनको कुलपति पद से हटा दिया गया । इसके बाद भदोही के सांसद वीरेन्द्र सिंह "मस्त" के आग्रह पर प्रधानमंत्री ने भदोही में कारपेट व टेक्सटाइल डीम्ड वि.वि.बनाने का निर्देश दे दिया, जो किसी के अधीन नहीं रहे और स्वतंत्र रूप से कार्य कर सके ताकि कोई अड़ंगा नहीं लगा सके। फिलहाल अभी इसके फंडिंग को लेकर मामला थोड़ा अटका हुआ है कि फंडिग मानव संसाधन विकास मंत्रालय करेगा या कपड़ा मंत्रालय। वीरेन्द्र सिंह के विश्वस्तों का कहना है कि जल्दी ही इसका भी समाधान हो जाने की उम्मीद है।

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