Edited By Sonia Goswami,Updated: 29 Sep, 2018 04:07 PM
मैडीकल एजुकेशन को रेगुलेट करने वाली संस्था मैडीकल काऊंसिल ऑफ इंडिया की जगह अब बोर्ड ऑफ गवर्नर्स काम करेगा। नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल की अध्यक्षता में बोर्ड ऑफ गवर्नर्स गठित की गई है। सीएनबीसी- आवाज से बातचीत में स्वास्थ्य मंत्रालय के एडिशनल...
नई दिल्लीः मैडीकल एजुकेशन को रेगुलेट करने वाली संस्था मैडीकल काऊंसिल ऑफ इंडिया की जगह अब बोर्ड ऑफ गवर्नर्स काम करेगा। नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल की अध्यक्षता में बोर्ड ऑफ गवर्नर्स गठित की गई है। सीएनबीसी- आवाज से बातचीत में स्वास्थ्य मंत्रालय के एडिशनल सैक्रेटरी अरुण सिंघल ने कहा कि इससे मैडीकल शिक्षा में पारदर्शिता आएगी।
उन्होंने आगे बताया कि देश में नए मैडीकल कॉलेज खुलेंगे और मनमानी फीस वसूली खत्म होगी। नए तरह के पीजी कोर्स शुरू होंगे, जिससे विशेष डिप्लोमा कोर्स खोलने में आसानी मिलेगी। डीएनबी की सीटें भी बढ़ाई जाएंगी। छोटे जिलों में पीजी की पढ़ाई संभव है। पुरानी कमिटी जानबूझकर कॉलेजों को मान्यता नहीं देती थी, लेकिन अब बेवजह कॉलेजों की मान्यता रद्द नहीं होगी। अरुण सिंघल के मुताबिक मैडीकल शिक्षा में ई-क्लासरूम की शुरुआत होगी। नए और आधुनिक कोर्स खोलने में आसानी होगी। मेडिकल कमिशन बिल आने तक अंतरिम व्यवस्था है।