Edited By Riya bawa,Updated: 23 Jun, 2020 01:40 PM
कोविड-19 की महामारी के के बीच बोर्ड की बची हुई परीक्षाएं आयोजित कराना एक बड़ा मसला बन गया है। महाराष्ट्र राज्य में कोरोनावायरस के तेजी से बढ़ते हुए मामले देखकर ...
नई दिल्ली: कोविड-19 की महामारी के के बीच बोर्ड की बची हुई परीक्षाएं आयोजित कराना एक बड़ा मसला बन गया है। महाराष्ट्र राज्य में कोरोनावायरस के तेजी से बढ़ते हुए मामले देखकर बॉम्बे हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिए हैं कि वो स्पष्ट करें कि राज्य में काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन बोर्ड को 10वीं और 12वीं की पेंडिंग परीक्षाएं आयोजित करने के लिए अनुमति देते हैं या नहीं।
कोर्ट ने राज्य सरकार से परीक्षाओं को लेकर उनका स्टैंड क्लियर करने के लिए कहा है। SC ने ICSE द्वारा आयोजित परीक्षा को रद्द करने के बारे में भी फैसला करने को कहा। बता दें कि ICSE ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि केंद्र को कॉल करने के लिए SC कहता है तो बोर्ड सरकार के फैसले का पालन करने के लिए सहमत है।
कोर्ट ने कहा कि अगर ISCE स्कूल के 50 फीसदी स्टूडेंट्स परीक्षा में शामिल होते हैं तो इसपर सरकार क्या करना चाहेगी और परीक्षा देने वाले स्टूडेंट्स 50 फीसदी से ज्यादा या फिर कम होते हैं तो सरकार का इसपर क्या फैसला होगा। इस मामले में अब अगली सुनवाई बुधवार को की जाएगी।
गौरतलब है कि CISCE ने कुछ समय पहले ही 10वीं और 12वीं के बचे पेपर्स की परीक्षा के लिए टाइम टेबल जारी किया था। ये परीक्षाएं जुलाई में होने वाली हैं। टाइम टेबल के अनुसार, आईसीएसई बोर्ड कक्षा 10वीं की परीक्षा 2 जुलाई से 12 जुलाई तक संचालित होनी है लेकिन इस मामले को लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट में भी याचिका दाखिल की गई है।