किताबों के क्यूआर कोड, स्मार्ट फोन सुलझायेंगे किताबों के कठिन विषयों की गुत्थी

Edited By bharti,Updated: 13 May, 2018 01:34 PM

book qr code smart phones will solve books of hard topics

प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल से पठन पाठन को सुगम बनाने की पहल के तहत मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने कहीं भी एवं किसी समयज पुस्तकों में वर्णित...

नई दिल्ली : प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल से पठन पाठन को सुगम बनाने की पहल के तहत मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने कहीं भी एवं किसी समयज पुस्तकों में वर्णित विषयों पर बेहतर समझ बनाने के लिये उच्च क्यूआर कोड पर आधारित मोबाइल तकनीक का उपयोग करने का निर्णय किया है। यह सुविधा लागू होने पर विद्यार्थी मोबाइल फोन पर एक क्लिक से अपनी पाठ्यपुस्तकें पढ़ सकेंगे। इसके लिये छात्रों एवं शिक्षकों को क्यूआर कोड स्कैनर डाउनलोड करना होगा जो पुस्तकों पर दर्ज क्विक रेस्पांस कोड को पढ़कर संबंधित पाठ्य सामग्री उपलब्ध करायेगा। मानव संसाधन विकास मंत्रालय में स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता सचिव अनिल स्वरूप ने कहा कि , उच्च शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने और बच्चों पर बस्ते का बोझ कम करने की पहल के तहत हमने गंभीरता से विचार किया है कि इसमें प्रौद्योगिकी का किस प्रकार उपयोग कर सकते है ? 

उन्होंने कहा कि क्विक रेस्पांस कोड (क्यूआर कोड) के इस्तेमाल पर आधारित इस तकनीक को 2 से  3साल में पूरी तरह से लागू किया जायेगा । किताबों पर क्यूआर कोड होता है। तकनीक का उपयोग करके इस कोड के जरिये छात्र किसी विषय की बेहतर समझ के लिए वीडियो या अन्य ऑनलाइन सामग्री का वेब लिंक प्राप्त कर सकेंगे। इन कोड में ऐसे लिंक निहित होते हैं, जिन्हें किसी भी स्मार्टफोन का कैमरा पढ़ सकता है।  

स्मार्ट फोन के जरिये स्कैन करते ही पाठ्यपुस्तक ऑडियो प्रारूप में सामने आती है। दृश्यात्मक और मजेदार होने से बच्चे को इससे अपना पाठ जल्दी याद करने में मदद मिलेगी। यह पाठ्य पुस्तकों का डिजिटल स्वरूप देने की पहल का हिस्सा है। इसके तहत क्यूआर कोड, 2डी-3डी एनिमेशन, ई-बुक एवं अन्य वीडियो सुविधा के जरिये पठन पाठन की प्रक्रिया को समृद्ध बनाया जा रहा है। अनिल स्वरूप ने बताया कि छात्रों पर बस्ते और पाठ्यपुस्तकों का बोझ कम करने की कोशिशें हो रही हैं । राष्ट्रीय शिक्षा अनुसंधान परिषद (एनसीईआरटी) की पुस्तकों के भारी-भरकम पाठ्यक्रम को घटाने के लिए देशभर से सुझाव आमंत्रित किए हैं।

एनसीईआरटी को इस विषय पर 15,377 सुझाव प्राप्त हुए है। राष्ट्रीय मुक्त शिक्षा संसाधन निक्षेपागार में 11,000 ई सामग्रियां उपलब्ध करायी गई हैं । इसके साथ साथ 650 ई किताबें और 3000 दृष्य श्रव्य सामग्री तैयार कर छात्रों को उपलब्ध करायी गई है। स्वरूप ने कहा कि पुस्तकों का उन्नयन एवं संशोधन हर साल किया जाता है । इसमें पिछले साल की तुलना में नये साल से जुड़े आंकड़े शामिल करना, त्रुटियों में सुधार और नई सामग्रियों को जोडऩा शामिल होता है। इस पहल के तहत पुस्तकों में जीएसटी, नोटबंदी, नकदरहित लेनदेन, स्वच्छता, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के अलावा महान विभूतियों को भी जोड़ा गया ।  

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