Edited By Punjab Kesari,Updated: 02 Feb, 2018 01:28 PM
आम बजट को लोक लुभावन बनाने के लिए सरकार चुनावी साल में शिक्षा पर धन बरसाने की तैयारी में है। शिक्षा की...
नई दिल्ली : आम बजट को लोक लुभावन बनाने के लिए सरकार चुनावी साल में शिक्षा पर धन बरसाने की तैयारी में है। शिक्षा की गुणवत्ता, रिसर्च और बुनियादी ढांचा तैयार करने के लिए सरकार ने 1 लाख करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया है। बजट भाषण में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि ‘नर्सरी से लेकर 12वीं तक की शिक्षा को समग्रता से लेने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि अगले चार वर्ष में शिक्षा अनुसंधान एवं बुनियादी ढांचे के विकास के लिए एक लाख करोड़ रूपये निवेश का प्रस्ताव किया गया है। जेटली ने शिक्षा में डिजिटलीकरण पर जोर देते हुए कहा कि सरकार धीरे-धीरे ब्लैक बोर्ड से डिजिटल बोर्ड की ओर रुख करने की पहल पर जोर दे रही है। वित्त मंत्री ने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए जिलावार रणनीति भी तैयार की जा रही है।
शिक्षण संस्थानों में अनुसंधान एवं संबंधित बुनियादी ढांचे में निवेश बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर देते हुए वित्त मंत्री ने रीवाइटेलाइजिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर एंड सिस्टम्स इन एजुकेशन (आरआईएसई) नाम से पहल शुरू करने की घोषणा की। उच्चतर शिक्षा के क्षेत्र में प्राइम मिनिस्टर्स रिसर्च फेलोज (पीएमआरएफ) योजना की घोषणा करते हुए जेतली ने बताया कि हर साल प्रमुख संस्थानों से 1000 उत्कृष्ट बीटेक छात्रों की पहचान की जाएगी और उन्हें आकर्षक फेलोशिप के साथ आईआईटी एवं आईआईएससी में पीएचडी करने की सुविधाएं दी जाएंगी जेतली ने सेवाकाल के दौरान शिक्षकों के प्रशिक्षण पर जोर देते हुए उनके लिए एकीकृत बीएड पाठ्यक्रम शुरू करने की बात कही। वित्त मंत्री ने आदिवासी बच्चों को उनके खुद के वातावरण में अच्छी शिक्षा मुहैया कराने की जरूरत का उल्लेख किया। जेटली ने कहा कि इस मिशन को पूरा करने के लिए वर्ष 2022 तक अनुसूचित जनजाति की 50 फीसदी आबादी और कम से कम 20,000 आदिवासी वाले हर ब्लॉक में एकलव्य मॉडल आवासीय स्कूल खोला जाएगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि एकलव्य स्कूलों को नवोदय विद्यालय की तरह माना जाएगा और इन स्कूलों में खेल एवं कौशल विकास प्रशिक्षण के अलावा स्थानीय कला एवं संस्कृति के संरक्षण के लिए विशेष सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
शिक्षा के लिए दो नई योजनाएं
एकलव्य स्कूल: अरुण जेतली कहा कि नवोदय स्कूलों की तर्ज पर 2022 तक अनुसूचित जाति के छात्रों के लिए एकलव्य स्कूलों की स्थापना की जाएगी। उन्होंने कहा कि 50 फीसदी से अधिक जनजाति वाले क्षेत्रों और 20,000 आदिवासी लोगों वाले प्रत्येक ब्लॉक में एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों की स्थापना की जाएगी। ये विद्यालय नवोदय विद्यालयों का हिस्सा होंगे और यहां खेल और कौशल विकास में प्रशिक्षण देने के अलावा स्थानीय कला और संस्कृति के संरक्षण की भी विशेष सुविधाएं होंगी।
प्रधानमंत्री फेलोशिप योजना
वित्त मंत्री अरुण जेतली ने बजट के दौरान पीएम फेलोशिप योजना का भी ऐलान किया। इसके तहत एक हजार बी.टेक छात्रों को आइईआईटी और आईआईएससी में पीएचडी करने का अवसर प्रदान किया जाएगा।
4 प्रतिशत शिक्षा एवं स्वास्थ्य उपकर
सरकार ने तीन प्रतिशत शिक्षा उपकर की मौजूदा व्यवस्था के स्थान पर अब चार प्रतिशत स्वास्थ्य एवं शिक्षा उपकर लगाने की घोषणा की है। यह उपकर व्यक्तिगत आयकर और कंपनी कर पर लगाया जाता है। सरकार को इससे 11,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होगा। सरकार का कहना है कि गरीब और ग्रामीण परिवारों की शिक्षा और स्वास्थ्य जरूरतों को पूरा करने के लिए यह उपकर लगाया गया है। वर्तमान में तीन प्रतिशत शिक्षा उपकर में दो प्रतिशत प्राथमिक शिक्षा के लिए और एक प्रतिशत सेकंडरी एवं उच्चतर शिक्षा उपकर लगाया जाता है।