Edited By Riya bawa,Updated: 20 Feb, 2020 10:21 AM
कहते हैं, इन्सान कोई भी जंग हाथों से नहीं बल्कि हौसले ...
नई दिल्ली: कहते हैं, इन्सान कोई भी जंग हाथों से नहीं बल्कि हौसले से जीतता है। बुलंदशहर के रहने वाले रोहित ने इसे सच कर दिखाया है। बता दें कि रोहित ने किसी हादसे में अपने हाथ गंवा दिए थे लेकिन पढ़ाई में उनका मन हमेशा लगता रहा। उन्होंने दसवीं की पढ़ाई की तैयारी शुरू की तो मन में यही सवाल था कि परीक्षा कैसे देंगे?
पैरों से लिखकर की एग्जाम की तैयारी
फिर जब परीक्षा देने की मन में सोची तो हौसला बना लिया कि वह हाथों से नहीं पैरों से ही लिखकर अपनी बोर्ड परीक्षा को देगा। उसने पहले पैरों से लिखने का प्रयास किया। इस तरह धीरे-धीरे उसके पैरों की उंगलियाें की ग्रिप यानी पकड़ मजबूत होने लगी। इस तरह लगातार प्रयास करने के बाद इम्तिहान की घड़ी जब नजदीक आई तो वह अपनी कसौटी पर खरा उतरा।
आत्मविश्वास को रखा कायम
रोहित जहांगीराबाद क्षेत्र के एक स्कूल में पढ़ते हैं। जब वो अपनी क्लास में पैरों की उंगलियों में पेन फंसाकर लिख रहे थे तो हर कोई उनका हौसला बढ़ा रहा था। मंगलवार को दसवीं क्लास की हिंदी की परीक्षा थी, इसके लिए रोहित सब तैयारी पूरी करके आया था। इस तैयारी और अपने जज्बे से रोहित ने परीक्षा दी और अपने हौसलों को अंजाम तक पहुंचाया। रोहित का दावा है कि उसका एग्जाम अच्छा गया है और उम्मीद है कि उसको मेहनत का बेहतर नतीजा मिलेगा।