Edited By Sonia Goswami,Updated: 09 Oct, 2018 04:01 PM
सरकारी स्कूलों को प्राईवेट हाथों में देने के लिए कैप्टन सरकार ने रणनीति तैयार करनी शुरू कर दी है, जिससे सुविधाओं से वंचित स्कूलों का विकास हो सके।
बठिंडाः सरकारी स्कूलों को प्राईवेट हाथों में देने के लिए कैप्टन सरकार ने रणनीति तैयार करनी शुरू कर दी है, जिससे सुविधाओं से वंचित स्कूलों का विकास हो सके। पंजाब सरकार ने पिछले समय दौरान फैसला ले लिया था कि सरकारी स्कूलों में बुनियादी ढांचें के सुधार के लिए कॉर्पोरेट घरानों, एन. जी. ओ. और ट्रस्टों की मदद ली जाएगी। प्राईवेट कंपनियों की तरफ से कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी के अंतर्गत इन स्कूलों में पैसा लगाया जाएगा। जानकारी मुताबिक, शिक्षा विभाग ने हर जिले में से 4 सरकारी स्कूलों की शिनाख्त करनी शुरू कर दी है, जिन्हें प्राईवेट कंपनी या एन. जी. ओ. की तरफ से अपनाया जाएगा।
जिला शिक्षा आधिकारियों को पत्र जारी करके कहा गया है कि उन सरकारी स्कूलों का नाम बताया जाए जिन में बुनियादी ढांचें का हाल बहुत खराब है। जानकारी मुताबिक, हर जिले के एक -एक सरकारी स्कूल को अलग -अलग प्राईवेट कंपनी या एन. जी. ओ. की तरफ से अडापट किया जाएगा। यह एन. जी. ओ. या प्राईवेट कंपनी इन स्कूलों में क्लास रूम, पखाने, फर्नीचर आदि में सुधार करेंगे। हालांकि उन स्कूलों को प्राथमिकता देने के लिए कहा गया है, जिनके पास जगह है परन्तु सुविधाओं की बड़ी कमी होने के कारण विद्यार्थियों को किसी अन्य जगह शिफ्ट करके स्कूल चलाए जा रहे हैं। वहीं डैमोक्रेटिक टीचर्ज फ्रंट का कहना है कि शिक्षा देना सरकार का फर्ज़ है परन्तु सरकार इससे भाग रही है। उन्होंने अंदेशा प्रकट किया कि सरकार ने सरकारी स्कूलों के निजीकरण का रास्ता खोलने के लिए यह रास्ता अपनाया है।