Edited By Seema Sharma,Updated: 17 Jun, 2018 12:34 PM
साइकोलॉजी आज के टाइम पर विद्यार्थियों का फेवरेट सब्जेक्ट बन गया है। साइकोलॉजी में भी करियर बनाने के कई तरह अॉप्शन होते हैं। कई तरह के काउंसलर होते हैं, जो कि साइकोलॉजी की पढ़ाई के बाद बन सकते हैं आइए जानते हैं कौन-कौन से काउंसर का क्या काम होता है।
नई दिल्लीः साइकोलॉजी आज के टाइम पर विद्यार्थियों का फेवरेट सब्जेक्ट बन गया है। साइकोलॉजी में भी करियर बनाने के कई तरह अॉप्शन होते हैं। कई तरह के काउंसलर होते हैं, जो कि साइकोलॉजी की पढ़ाई के बाद बन सकते हैं आइए जानते हैं कौन-कौन से काउंसर का क्या काम होता है।
करियर काउंसलर
इसमें किसी शख्स को जॉब, शिक्षा, पढ़ाई, कोर्स, करियर आदि के बारे में सलाह देनी होती है।
क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट
ये साइकोलॉजिस्ट मेंटस और इमोशनल डिसऑर्डर को लेकर काम करते हैं। वे इन समस्याओं से उभरने के लिए लोगों की मदद करते हैं।
काउंसलिंग साइकोलॉजिस्ट
लोगों की मदद करते हैं कि कैसे आम जीवन की समस्याओं को कैसे सुलझाया जाए।
फॉरेंसिक साइकोलॉजिस्ट
इनका आपराधिक जांच और कानून के मामलों में बड़े पैमाने पर उपयोग किया जाता है, इसमें अच्छा करियर बना सकते हैं।
इंडस्ट्रीयल साइकोलॉजिस्ट
इंडस्ट्रीयल साइकोलॉजिस्ट कार्य क्षमता और कार्य प्रदर्शन को लेकर कर्मचारियों की मदद करते हैं। साथ ही उनके कार्य में सुधार लाने का काम करते हैं।