Edited By bharti,Updated: 16 Jan, 2019 02:39 PM
आज के समय में हर किसी को यही चिंता लगी रहती है कि वह कैसे अपने करियर में आगे बढ़े । खास तौर पर स्टूडेंट्स इस ...
नई दिल्ली : आज के समय में हर किसी को यही चिंता लगी रहती है कि वह कैसे अपने करियर में आगे बढ़े । खास तौर पर स्टूडेंट्स इस बात से परेशान होते है कि आगे चल कर कौन से करियर का चुनाव करें जिससे वह अपनी लाइफ अच्छे से बिता सकें । इसके लिए कई बार स्टूडेंट्स काउंसलर का सहारा लेते है। लेकिन अब सीबीएसई ने इसके लिए नई पहल की है। इसके तहत सीबीएसई बोर्ड ने 9वीं और 10वीं के विद्यार्थियों के लिए एप्टीट्यूट टेस्ट की शुरुआत की है। सीबीएसई संबंधित स्कूल के शिक्षकों के माध्यम से यह टेस्ट सीधे लेगी।
इस बारे में सीबीएसई ने हॉल में ही एक सर्कुलर जारी किया है। इसके मुताबिक ‘नो योर एप्टीट्यूट' नाम के इस टेस्ट से विद्यार्थियों को अपनी शक्ति और सीमा जानने का मौका मिलेगा जिससे उन्हें किस तरह के कैरियर विकल्प को अपनाना चाहिए, यह जानने में आसानी होगी। इस टेस्ट से स्कूल के शिक्षक, अभिभावक और स्कूल प्रशासन को भी मदद मिलेगी। ये लोग यह जान पाएंगे कि विद्यार्थियों के अंदर किस तरह की प्रतिभा है और उनकी क्या सीमा है। इसी आधार पर शिक्षक या अभिभावक विद्यार्थियों को आवश्यक मदद करेंगे तो उन्हें कैरियर को पंख देने में आसानी होगी।
इस संबंध में सीबीएसई ने सर्कुलर जारी कर दिया है।
एनसीईआरटी ने तैयार किया है टेस्ट
इस एप्टीट्यूट टेस्ट को नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग यानी एनसीईआरटी ने तैयार किया है। इस टेस्ट को अपने-अपने स्कूल में संबंधित शिक्षक प्रभावी करेंगे। एनसीईआरटी ने इस टेस्ट से संबंधित सभी चीजों को तैयार कर दिया है। इससे संबंधित टेस्ट गाइड, मैनुअल, टेस्ट बुकलेट और अंसर सीट को सीबीएसई के वेबसाइट पर डाल दिया जाएगा जहां से स्कूल इन चीजों को डाउनलोड कर सकेंगे। 24 जनवरी से सीबीएसई के वेबसाइट से संबंधित स्कूल इसे डाउनलोड कर सकते हैं।
विद्यार्थियों के लिए स्वैच्छिक होगा टेस्ट
टेस्ट सिर्फ एक दिन के लिए होगा। स्कूल अपने सुविधानुसार इसकी तारीख तय कर सकता है। टेस्ट के बाद संबंधित शिक्षक विद्यार्थी के प्रदर्शन का मूल्यांकन बोर्ड के गाइडलाइन के अनुसार करेंगे। बोर्ड के मैनुअल में पहले से इस संबंध में स्कोरिंग का पैटर्न तय कर दिया गया है। इसी आधार पर शिक्षक विद्यार्थियों का स्कोरिंग करेंगे। स्कूल बोर्ड को यह रिपोर्ट भेजेंगे कि उसने टेस्ट को किस तरह से आयोजित किया है लेकिन विद्यार्थियों के व्यक्तिगत स्कोर को वह बोर्ड के साथ साझा नहीं करेंगे। बोर्ड ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि यह टेस्ट विद्यार्थियों के लिए स्वैच्छिक होगा।