Edited By bharti,Updated: 17 Feb, 2019 06:22 PM
कक्षा 12 के लिए सीबीएसई बोर्ड परीक्षा की शुरूआत 15 फरवरी से हो चुकी है। परीक्षाओं की समाप्ति के बाद अपनी कॉपियों...
नई दिल्ली : कक्षा 12 के लिए सीबीएसई बोर्ड परीक्षा की शुरूआत 15 फरवरी से हो चुकी है। परीक्षाओं की समाप्ति के बाद अपनी कॉपियों के मूल्यांकन में सीबीएसई द्वारा बिठाए गए जांच अधिकारियों के दोषपूर्ण अंक निर्धारण के लिए कक्षा 12 के छात्रों को बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कई हजार छात्र हर साल कम अंक आने पर आंसर शीट दोबारा जांचने (माक्र्स वेरीफाई) के लिए सीबीएसई में अप्लाई करते हैं। जिसके लिए सीबीएसई 500 रुपए प्रति विषय छात्रों से वसूलता है। इसके अलावा जांची हुई कॉपी की फोटो कॉपी मंगाने के लिए 700 रुपए प्रति विषय फीस ली जाती है। इतना ही नहीं हर सवाल के री-वैल्युएशन के लिए 100 रुपए चार्ज किए जाते हैं। इससे हर साल सीबीएसई लाखों रुपए छात्रों से सिर्फ वेरीफाई-रीवैल्युएशन के नाम पर वसूल लेता है जबकि उन छात्रों से पहले ही एग्जाम फीस भी ली जा चुकी होती है। त्रुटिपूर्ण मूल्यांकन किए गए विषयों के लिए री-वैल्युएशन फीस अदा कर पाना गरीब तबके से आने वाले छात्रों के लिए बेहद मुश्किल होता है। मामले पर कई छात्रों और अभिभावकों ने कहा है उनकी मूल्यांकन की गई उत्तर पुस्तिका को डिजिटल फॉर्मेंट में प्रोटेक्ट करके उन्हें उपलब्ध कराया जाना चाहिए। जैसा कि आप सब जानते हैं कि डीयू की कटऑफ कितनी हाई जाती है। इससे सबसे ज्यादा नुकसान ऐसे छात्रों को होता है जिनके अंकों के मामले में यह गलती केवल आधे या एक अंक के अंतर से अपने पसंदीदा कॉलेज या कोर्स में दाखिला लेने से चूक जाते हैं।
2016 में 1,06943 छात्रों ने कराया री-वैल्युएशन
साल 2016 में छात्रों की तरफ से 98,777 रीवैल्युएशन रिक्वेस्ट डाली गई। जिसमें 4988 छात्रों के अंकों में बढ़ोत्तरी हो गई। साल 2017 में 1 लाख 25 हजार 214 छात्रों ने री-वैल्युएशन के लिए सीबीएसई को आवेदन किया। जिसमें 6,414 छात्रों के अंकों में वृद्धि कर दी गई। साल 2018 में 1 लाख 6 हजार 943 छात्रों ने आंसर शीट वेरीफाई करने के लिए आवेदन किया। जिसमें 3, 410 छात्रों के अंकों में बढ़ोत्तरी की गई।
रिवाइज्ड वेरीफिकेशन में 42 की जगह 90 अंक मिले
मुम्बई के मो. अफ्फान ने जब अपनी आंसर शीट का रिवाइज्ड वेरीफिकेशन कराया गया तो उन्हें 90 नंबर मिले। छात्रा समीक्षा शर्मा ने गणित में 42 नंबर प्राप्त किए लेकिन जब उन्होंने री-वैल्युएशन कराया तो उनके अंक 90 हो गए। दिल्ली की छात्रा सोनाली ने भी बीते साल गणित में 68 नंबर स्कोर किया लेकिन री-वैल्युएशन में यह संख्या बढ़कर 90 हो गई। इशिता गुप्ता जोकि नागपुर की रहने वाली हैं पॉलिटिकल साइंस में इन्हें 17 नंबर दिए गए जोकि रीवैल्युएशन में बढ़कर 39 हो गए
पिछले साल 214 अध्यापकों पर हो चुकी है कार्रवाई
जानकारी के अनुसार मूल्यांकन में गलती करने के कारण 214 अध्यापकों के खिलाफ सीबीएसई ने साल 2018 में अनुशासनात्मक कार्रवाई की है। इस मामले पर कई शिक्षाविदें ने कहा है कि छात्र जब एग्जाम फी पहले ही जमा कर देता है। फिर सीबीएसई द्वारा री-वैल्युएशन फीस के नाम पर छात्रों से पैसे क्यों लिए जाते हैं।
कुछ शिक्षक मूल्यांकन को हल्के में लेकर त्रुटिपूर्ण मूल्यांकन कर देते हैं जिसका खामियाजा छात्रों को भुगतना पड़ता है। अगर छात्रों को डिजी लॉकर में उनकी आंसर शीट भेजना संभव है तो से मूल्यांकन की पारदर्शिता बढ़ेगी। बोर्ड व छात्रों द्वारा आंसर शीट देख सकने के कारण इससे एक शिक्षक की सही मूल्यांकन के लिए जवाबदेही भी तय होती है। -अशोक अग्रवाल, अध्यक्ष, आल इंडिया पैरेंट्स एसोसिएशन