Edited By Riya bawa,Updated: 29 Apr, 2020 10:12 AM
देश में कोरोना की मौजूदा स्थिति का असर सीबीएसई बोर्ड सहित कई अन्य बोर्ड और प्रतियोगी परीक्षाओं पर भी दिख रहा है। इस के चलते बोर्ड परीक्षा देने वाले 10वीं और 12वीं के छात्रों के बचे हुए पेपर न लिए जाएं। ऐसे छात्रों को उनकी आंतरिक परीक्षा के आधार पर...
नई दिल्ली: देश में कोरोना की मौजूदा स्थिति का असर सीबीएसई बोर्ड सहित कई अन्य बोर्ड और प्रतियोगी परीक्षाओं पर भी दिख रहा है। इस के चलते बोर्ड परीक्षा देने वाले 10वीं और 12वीं के छात्रों के बचे हुए पेपर न लिए जाएं। ऐसे छात्रों को उनकी आंतरिक परीक्षा के आधार पर उत्तीर्ण किया जाए ताकि वे अगली कक्षा में प्रवेश ले सकें। यह सुझाव उपमुख्यमंत्री व शिक्षामंत्री मनीष सिसोदिया ने केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बातचीत में दिए।
बीते दिन मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिेये विभिन्न प्रदेशों के शिक्षा मंत्रियों से बातचीत की। इस वीडियो बैठक में दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल को ये सुझाव दिया है कि 10वीं और 12वीं के स्टूडेंट्स को भी 9वीं और 11वीं क्लास के स्टूडेंट्स की तरह इंटरनल एग्जाम के नंबरों के आधार पर बिना परीक्षा दिए ही पास कर देना चाहिए।
हालांकि, अब ये देखना होगा कि क्या मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के सुझाव को स्वीकार करके 10वीं और 12वीं बोर्ड के स्टूडेंट्स को बिना एग्जाम दिए ही पास करते हैं या फिर अपने सोमवार के बयान के मुताबिक 10वीं और 12वीं बोर्ड की परीक्षाएं लॉकडाउन खत्म होने के बाद स्थिति सुधरने पर आयोजित करने का निर्णय लेते हैं।
बता दें कि बैठक में ऑनलाइन शिक्षा, ऐकडेमिक कैलेंडर इत्यादि जैसे शिक्षा के कुछ प्रमुख बिंदुओं पर चर्चा करने के लिए मंगलवार को केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशांक’ ने देश के सभी शिक्षा मंत्रियों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा मीटिंग बुलाई थी, इसमें दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कई अहम सुझाव दिए।
सिसोदिया ने मीटिंग में कहा कि दिल्ली सरकार के शिक्षकों द्वारा ली जा रही ऑनलाइन कक्षाओं को एमएचआरडी दूरदर्शन और AIR FM को एक निश्चित समय प्रसारित करने का सुझाव देना चाहिए। इसके साथ ही कोरोना वायरस का प्रभाव शिक्षा और अर्थ व्यवस्था पर लंबे समय तक होगा, हमें इस नुकसान को कम करने के लिए तैयार रहना होगा।