Edited By Sonia Goswami,Updated: 04 Dec, 2018 11:47 AM
केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) की 10वीं व 12वीं की परीक्षा देने जा रहे छात्रों को एक जनवरी तक 75 प्रतिशत उपस्थिति के मानक पूरे करने होंगे। अगर, वह इसे पूरा नहीं करता है तो परीक्षा में बैठने से रोका भी जा सकता है।
नई दिल्लीः केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) की 10वीं व 12वीं की परीक्षा देने जा रहे छात्रों को एक जनवरी तक 75 प्रतिशत उपस्थिति के मानक पूरे करने होंगे। अगर, वह इसे पूरा नहीं करता है तो परीक्षा में बैठने से रोका भी जा सकता है। बोर्ड ने इस तरह का पहली बार आदेश दिया है।
दिल्ली हाईकोर्ट के एक फैसले के चलते सीबीएसई को कक्षा 10वीं एवं 12वीं के स्टूडेंट्स की उपस्थिति के आंकड़ा की समय सीमा निर्धारित कर दी है। सभी स्कूल प्रशासन को निर्देशित किया है कि 10वीं एवं 12वीं बोर्ड के छात्रों की उपस्थिति की आंकलन सत्र शुरू से लेकर 1 जनवरी 2019 तक करें। साफ किया है कि 15 जनवरी के बाद किसी भी प्रार्थना पत्र पर विचार नहीं किया जाएगा। ऐसी स्थिति में छात्रों को 10वीं अथवा 12वीं बोर्ड परीक्षा से वंचित रह जाएगा।
क्यों किया गया है बदलाव
वर्तमान सत्र में दिल्ली हाईकोर्ट ने एक फैसला जारी किया था। सीबीएसई को आदेश दिया कि दिल्ली यूनिवर्सिटी में होने वाले एडमिशन के कट ऑफ की गणना हेतु रिवेल्यूशन के रिजल्ट को भी शामिल किया जाए। इसलिए, दाखिले की प्रक्रिया से पहले नतीजे देना बोर्ड की मजबूरी है। इस फैसले को देखते हुए सीबीएसई ने मार्च में होने वाली परीक्षाओं के विषयों को दो भागों में विभाजित किया है।
15 दिन हुए कम
अभी तक सीबीएसई की तरफ से कोई समय सीमा निर्धारित नहीं की थी। बोर्ड की ओर से 15 जनवरी से 15 फरवरी के बीच प्रैक्टिकल परीक्षाएं कराने के निर्देश रहते थे। ऐसे में आमतौर पर स्कूल प्रशासन 15 जनवरी तक की उपस्थिति के आंकड़े बोर्ड को भेजे थे। इस परिवर्तन के बाद से करीब 15 दिन कम हो गए हैं।