Edited By Sonia Goswami,Updated: 27 Dec, 2018 11:59 AM
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) द्वारा 23 दिसंबर को निकाली गई बोर्ड परीक्षा की समय सारिणी को लेकर स्कूल प्रिंसीपल, छात्र व अभिभावकों ने आपत्ति जताई है। छात्रों का कहना है कि महत्वपूर्ण विषयों के प्रश्नपत्र लगातार होने से उसकी तैयारी के लिए...
नई दिल्लीः केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) द्वारा 23 दिसंबर को निकाली गई बोर्ड परीक्षा की समय सारिणी को लेकर स्कूल प्रिंसीपल, छात्र व अभिभावकों ने आपत्ति जताई है। छात्रों का कहना है कि महत्वपूर्ण विषयों के प्रश्नपत्र लगातार होने से उसकी तैयारी के लिए समय नहीं मिला है।
एक निजी स्कूल की प्रिंसीपल का कहना है कि मार्च के आखिर में सीबीएसई ने सभी महत्वपूर्ण विषय रख दिया है। इसे आमतौर पर अधिकांश छात्र लेते हैं या अपने कांबिनेशन में रखते हैं। इकोनामिक्स, कंप्यूटर साइंस, साइकॉलोजी व फिजिकल एजुकेशन के प्रश्नपत्र लगातार हैं। यह प्रश्नपत्र क्रमश: 27, 28, 29 और 30 मार्च को हैं। वहीं गणित और राजनीति विज्ञान के प्रश्नपत्र भी लगातार 18 व 19 मार्च को रखा है। ह्यूमिनिटीज से 12वीं बोर्ड की परीक्षा दे रहे एक छात्र का कहना है कि इस स्ट्रीम के छात्रों के लिये गणित के तुरंत बाद तैयारी का समय नहीं मिलेगा।
‘विद्यार्थियों की संख्या देखकर सूची तैयार हुई'
सीबीएसई के एक अधिकारी का कहना है कि कई विषयों के कांबिनेशन हैं। प्रश्नपत्र की तिथि निर्धारित करने से पहले उन विषयों में छात्रों की संख्या देखकर तिथि निर्धारित की गई है।
एसोसिएशन ने तिथियों में बदलाव की मांग उठाई
ऑल इंडिया पैरेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक अग्रवाल का कहना है कि छात्रों की समस्या को देखते हुए सीबीएसई को संज्ञान लेना चाहिए। हम सीबीएसई से छात्रहित में बदलाव करने का अनुरोध करते हैं।