Edited By bharti,Updated: 01 Jun, 2018 05:07 PM
सीबीएसई ने मैथ के पेपर को लेकर एक प्रस्ताव पर जारी किया है। इसमें गणित के दो प्रश्नपत्र बनाने का सुझाव है। एक प्रश्नपत्र सरल होगा...
नई दिल्ली : सीबीएसई ने मैथ के पेपर को लेकर एक प्रस्ताव पर जारी किया है। इसमें गणित के दो प्रश्नपत्र बनाने का सुझाव है। एक प्रश्नपत्र सरल होगा, जबकि दूसरा कठिन होगा। बोर्ड ने देशभर के स्कूलों, प्रिंसिपलों और अन्य लोगों से इस बारे में सुझाव मांगे गए है। ये योजना उन स्टूडेंट्स के लिए है, जिन्हें गणित का विषय काफी मुश्किल लगता है और डर रहता है कि कहीं वह फेल न हो जाएं। इसी डर को भगाने के लिए सीबीएसई गणित के दो पेपर की योजना को बनाने की तैयारी कर रही है। गणित के सरल और कठिन प्रश्नपत्र 9वीं से 12वीं तक होंगे।
सीबीएसई ने कहा है इस फैसले के पीछे मकसद ये है कि जो छात्र आगे इंजीनियरिंग या गणित से संबंधित विषय में जाना चाहते हैं उनको गणित का कठिन प्रश्नपत्र पढ़ना होगा। वहीं, जो आगे बिना गणित की पढ़ाई वाले क्षेत्र में जाना चाहते हैं, उनको गणित का आसान प्रश्नपत्र पढ़ना होगा। यह केवल दो प्रश्नपत्र ही नहीं, बल्कि इसके दो पाठ्यक्रम होंगे। जैसे जो छात्र इंजीनियरिंग के लिए जेईई की मुख्य या एडवांस परीक्षा की तैयारी करेगा वह गणित के कठिन प्रश्नपत्र को पढ़ेगा। जबकि मेडिकल की तैयारी करने वाला सरल गणित का चयन विषय के रूप में करेगा। सीबीएसई ने कहा कि इस प्रस्ताव के लागू हो जाने के बाद इसे एनसीईआरटी भेजा जाएगा ताकि इसे सेलेबस में शामिल किया जा सके।
गौरतलब है कि अभी इस फैसले पर पूरी तरह से मुहर नहीं लगी है। बोर्ड ने देश भर के कई स्कूलों और टीचर्स से इस प्रस्ताव के लिए सुझाव मांगे थे। जिसके बाद बोर्ड को कई स्कूलों से सुझाव मिले भी। ये प्रस्ताव कक्षा 9,10, 11 और 12 के लिए है। वहीं बोर्ड ने तर्क देते हुए कहा ऐसे कई स्टूडेंट्स है जो बाकी विषय में तो अच्छे है लेकिन गणित में अच्छे नहीं है । ऐसे में इस प्रस्ताव के लागू होने के बाद उन स्टूडेंट्स के ऊपर से टैग हट जाएगा कि वह स्कूल के दिनों में गणित में अच्छे नहीं थे।
एचआरडी ने किया था सर्वे
बता दें कि जब गणित विषय से डरने वाले स्टूडे्ंटस पर सर्वे किया गया था। उसके बाद मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एचआरडी) मंत्रालय ने इस साल गणित के डर से निपटने और उपाय देने के लिए एक पैनल का गठन किया था। इस पैनल का गठन मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने किया था। ज्यादातर टीचर्स ने इस फैसले का स्वागत किया है। ये एक सराहनीय कदम है। इससे स्टूडेंट्स को गणित विषय में आसानी होगी