Edited By Riya bawa,Updated: 10 Apr, 2020 12:58 PM
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की ओर से क्षेत्रीय भाषा को बढ़ावा देने के लिए एक नया कदम उठाया गया है। इसके तहत 10वीं और 12वीं में तीसरी भाषा ...
नई दिल्ली: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की ओर से क्षेत्रीय भाषा को बढ़ावा देने के लिए एक नया कदम उठाया गया है। इसके तहत 10वीं और 12वीं में तीसरी भाषा के तौर पर क्षेत्रीय भाषा को शामिल किया है। छात्र चाहे तो छठें विषय के तौर पर क्षेत्रीय भाषा ले सकते हैं। इतना ही नहीं अगर छात्र दो अनिवार्य भाषा विषय यानि हिन्दी या अंग्रेजी में फेल हो जाते है तो वो तीसरी भाषा में पास होते है तो तीसरी भाषा से फेल वाले अनिवार्य भाषा को रिप्लेस भी कर सकते हैं।
बोर्ड का कहना है कि क्षेत्रीय भाषा का विकल्प छात्रों को दिया गया है। लेकिन दो अनिवार्य भाषा हिंदी और अंग्रेजी छात्रों को लेना ही है। इसके अलावा छात्र चाहे तो क्षेत्रीय भाषा पढ़ सकते हैं। क्षेत्रीय भाषा के तौर पर 41 भाषा का विकल्प छात्रों को मिलेगा। इसमें जर्मन, फ्रेंच, रसिया विदेशी भाषा भी शामिल हैं। नौंवी और 11वीं के अलावा छात्र आठवीं में भी अब तीसरी भाषा पढ़ सकते हैं। बोर्ड ने इसकी जानकारी सभी स्कूलों को दे दिया है।