Edited By bharti,Updated: 02 Apr, 2018 06:54 PM
पेपर लीक को लेकर आलोचनाओं का सामना कर रहे केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड...
नई दिल्ली : पेपर लीक को लेकर आलोचनाओं का सामना कर रहे केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड( सीबीएसई) ने आज‘ कूट भाषा में प्रश्न पत्र की व्यवस्था’ के जरिये लीक की समस्या को दूर करने का प्रयास किया। इन प्रश्नपत्रों का प्रिंट स्कूलों द्वारा कराया जाएगा। प्रायोगिक तौर पर आज इस योजना को अफरातफरी में लागू किया गया लेकिन प्रारंभिक तौर पर इसके क्रियान्वयन में कई तरह की दिक्कतें पेश आईं। सीबीएसई ने शनिवार को दिल्ली के हर परीक्षा केंद्र को कुछ गोपनीय दिशा- निर्देश भेजे थे। ये निर्देश नयी व्यवस्था को लागू करने से जुड़ा था।
सीबीएसई की ओर से जारी नोट में कहा गया है,‘‘ हाल के घटनाक्रमों के परिप्रेक्ष्य में सीबीएसई ने परीक्षा शुरू होने से ठीक पहले सभी परीक्षा केंद्रों को कूट भाषा में प्रश्नपत्र उपलब्ध कराने का तंत्र विकसित किया है।’’बोर्ड द्वारा केंद्रों को भेजे गए निर्देशों में कंप्यूटरों और प्रिंटरों को लगाने के लिए सुरक्षित कमरे की पहचान करने को भी कहा गया है। साथ ही अधिक गति की इंटरनेट सेवा को भी सुनिश्चित करने को कहा गया है। सभी कंप्यूटर शिक्षकों/ स्टाफ को परीक्षा के दिन सुबह साढ़े सात बजे तक परीक्षा केंद्रों पर पहुंचने को कहा गया है ताकि वे प्रश्नपत्रों को डाउनलोड कर उन्हें मुद्रित कर सकें। स्कूल को प्रति उम्मीदवार के हिसाब से ए4 आकार के कम- से- कम दस पृष्ठों की व्यवस्था करने को भी कहा गया। नोट में कहा गया है,‘‘परीक्षा के दिन प्रश्नपत्र को सीबीएसई वेबसाइट पर उपलब्ध कराया जाएगा। पंजीकरण के लिए इस्तेमाल में लाये गए आईडी और पासवर्ड का इस्तेमाल किया जाता है। प्रश्नपत्रों के जिप फाइल को डाउनलोड करने के बाद उन्हें खोलने के लिए परीक्षा केंद्रों को क्षेत्रीय कार्यालय की ओर से कुछ मिनट पहले या उसी समय पासवर्ड उपलब्ध कराया जाएगा। इसके बाद वे उस फाइल को एक्स्ट्रैक्ट कर पाएंगे।’’
स्कूलों को कल शाम चार बजे तक प्रिंटरों, कंप्यूटरों की संख्या, कंप्यूटर स्टाफ या प्रभारी शिक्षक की संख्या संबंधी विवरण भेजने को कहा गया था। बोर्ड ने केंद्र अधीक्षकों से व्यक्तिगत रूप से व्यवस्था की निगरानी करने और पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। इस‘ लीक- रहित’ व्यवस्था को समझने और लागू करने के लिए काफी सीमित समय होने के कारण कुछ स्कूलों में परेशानियां हुईं और कुछ केंद्रों में परीक्षा विलंबित हुई। हालांकि छात्रों को उतना अतिरिक्त समय दिया गया, जितनी देर हुई थी।