Edited By Riya bawa,Updated: 21 Oct, 2019 12:35 PM
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ...
नई दिल्ली: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने बोर्ड ने सभी स्कूलों में पानी के बेहतर प्रबंधन को अब अनिवार्य बना दिया है। सीबीएसई ने अगले तीन वर्षों में स्कूलों को जल प्रबंधन की नीति अपनाने और नियमित तौर पर पानी बचाने के उपायों की जांच कराने का निर्देश दिया है। साथ ही बोर्ड ने छात्रों, शिक्षकों के बीच जल संरक्षण के प्रति जागरुकता बढ़ाने के लिए पाठ्यक्रमों में पानी से संबंधित पाठों को बढ़ाए जाने का भी सुझाव दिया है। बोर्ड ने स्कूलों को जारी किए निर्देश में कहा कि वे अपने यहां के पुराने उपकरणों और मशीनों में बदलाव लाएं ताकि पानी की बचत ज्यादा से ज्यादा की जा सके। यह भी नियमित तौर पर सुनिश्चित किया जाए कि जो भी उपकरण लगाए जाएं उनमें लीकेज की समस्या न हो।
बोर्ड के एक अधिकारी ने कहा कि हर दिन स्कू लों में पानी का बेतहाशा इस्तेमाल किया जाता है। इनमें पीने के लिए, वॉशरूम, कैंटीन, लेबोरेटरी, मैदान, लॉन और गार्डन शामिल हैं। जल का बेहतर इस्तेमाल करने वाले स्कूलों की यह भी जिम्मेदारी है कि वे स्कूल जल प्रबंधन समिति का गठन करें। उसमें स्कूल प्रशासन, शिक्षक, छात्र, गैर शिक्षक स्टाफ, अभिभावक और समुदायों के कुछ लोगों को शामिल किया जा सकेगा।
यह समिति स्कूलों में पानी के बेहतर तरीके से इस्तेमाल करने, उसकी समय-समय पर समीक्षा करने और पानी की बर्बादी की निगरानी कर उस पर रोक लगाने और जल संरक्षण के उपाय अपनाना सुनिश्चित करेगी। स्कूलों की नए मानदंडों के अनुसार वाटर ऑडिट भी होगी इसमें स्कूलों में बुनियादी सुविधाओं से लेकर स्कूल में मौजूद हरे-भरे क्षेत्रों में सिंचाई के तौर-तरीकों की भी जांच की जाएगी। इसके अलावा स्कूलों में पानी के दोबारा इस्तेमाल करने व स्कूलों में सूखा रोधी पौधे लगाए जाने पर भी जोर दिया जाएगा।