Edited By pooja,Updated: 21 Nov, 2018 10:16 AM
दिल्ली में निजी स्कूलों में चाइल्ड विद स्पेशल नीड (सीडब्ल्यूएसएन) कोटा के तहत मंगलवार को दूसरा ड्रॉ निकला गया। दूसरे ड्रॉ से पहले इस कोटे में सिर्फ तीन फीसदी सीटों पर ही दाखिला हुआ है।
नई दिल्ली: दिल्ली में निजी स्कूलों में चाइल्ड विद स्पेशल नीड (सीडब्ल्यूएसएन) कोटा के तहत मंगलवार को दूसरा ड्रॉ निकला गया। दूसरे ड्रॉ से पहले इस कोटे में सिर्फ तीन फीसदी सीटों पर ही दाखिला हुआ है। जबकि दूसरे ड्रा में बची हुई 1284 सीटों में से 24 सीट आवंटित की गई। अभी यह देखना दिलचस्प होगा कि 24 आवंटित सीटों में कितने बच्चे दाखिला लेंगे।
ज्ञात हो कि यह ड्रॉ नर्सरी, केजी और पहली कक्षा के लिए निकाला गया है। दरअसल, पहली बार निजी स्कूलों में नर्सरी दाखिले के लिए सीडब्ल्यूएसएन कोटे के तहत तीन फीसदी सीटें आरक्षित की गईं थी। यह नियम कोर्ट के निर्देश के बाद आरपीडब्ल्यूडी नियम के तहत लागू किया गया था। बता दें कि सीडब्ल्यूएसएन कोटे के तहत निजी स्कूलों में 1322 सीट विशेष बच्चों के लिए आरक्षित की गई थी, जिसमें से अभी तक 38 सीटों पर ही दाखिला हो पाया है। कहने को तो आधा सत्र खत्म होने को आ गया है, लेकिन अभी तक 10 फीसदी सीटों पर भी दाखिला नहीं हो पाया है। ऐसे में दूसरे ड्रॉ में आंवटित सीटों को छोड़कर 1260 सीटों को ईडब्ल्यूएस कोटे में शामिल करने की बात भी शुरू हो गई है। ताकि इस कोटे में दाखिले के इच्छुक अभिभावकों इसका लाभ मिल सके।
गौरतलब है कि कोर्ट के आदेश के अनुसार इस साल पहली बार दिल्ली के सभी निजी स्कूलों को सीडब्ल्यूएसएन कोटे के तहत तीन फीसदी सीटें देनी थीं। सभी स्कूलों से इसकी जानकारी मांगी गई थी। जिसके बाद निदेशालय को कुल 1322 सीटों पर ऑनलाइन पंजीकरण और लॉटरी ड्रॉ के जरिये मिले आवेदनों को स्कूल एलॉट करने थे। इसको लेकर शिक्षा विभाग द्वारा इसे प्रचारित करना था। इसको लेकर शिक्षा निदेशालय द्वारा कई बार सर्कुलर भी जारी किया गया था। लेकिन शिक्षा निदेशालय की कोशिशें नाकाफी साबित हुईं। यही वजह है कि अभी इस कोटे में 97 फीसदी सीट खाली है। अधिकारियों का कहना है कि यह कोटा पहली बार निकाला गया, इसलिए अभिभावकों को इसके बारे में जानकारी नहीं है। इससे लोगों की जानकारी तक पहुंचने में एक- दो साल लग जाएंगे।