Edited By Sonia Goswami,Updated: 07 Dec, 2018 03:02 PM
काऊंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टीफिकेट एग्जामिनेशन यानी CISCE ने ICSE और ISC परीक्षा के पैटर्न में बदलाव किया है।
नई दिल्लीः काऊंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टीफिकेट एग्जामिनेशन यानी CISCE ने ICSE और ISC परीक्षा के पैटर्न में बदलाव किया है। काऊंसिल ने 10वीं और 12वीं बोर्ड के स्टूडेंट्स को पास होने का एक और मौका दिया है। साल 2019 से जो स्टूडेंट्स 10वीं या 12वीं की परीक्षा में सफल नहीं हो पाए, वे कंपार्टमेंट परीक्षा में शामिल हो सकते हैं। हालांकि ऑफिशियल नोटिफिकेशन के अनुसार स्टूडेंट्स एक साल में केवल एक ही बार कंपार्टमेंट एग्जाम में शामिल हो पाएंगे।
कंपार्टमेंट परीक्षाएं हर साल जुलाई में आयोजित की जाएगी और उसका रिजल्ट अगस्त में जारी होगा। इसके अलावा साल 2021 से 10वीं और 12वीं दोनों कक्षाओं में एक नए विषय की पढ़ाई शुरू होगी। थाईलैंड मूल के स्टूडेंट्स को ग्रुप 1 हिस्ट्री, सिविक्स और ज्योग्रफी(थाईलैंड) पढ़ाया जाएगा जबकि भारतीय मूल के स्टूडेंट हिस्ट्री, सिविक्स और ज्योग्रफी की पढ़ाई कर सकते हैं। 12वीं क्लास के स्टूडेंट्स के लिए हॉस्पिटेलिटी मैनेजमेंट और लीगल स्टडीज जैसे नए विषय शुरू किए जाएंगे।
इसके अलावा दोनों कक्षाओं के पाठ्यक्रम में भी बदलाव किए गए हैं। 10वीं और 12वीं कक्षाओं के इंग्लिश लिटरेचर सब्जेक्ट के सिलेबस में बदलाव हुआ है। दोनों कक्षाओं में अनिवार्य रूप से शेक्सपियर प्ले, प्रोज(शॉर्ट स्टोरीज) और पोयट्री पढ़ाई जाएगी।
10वीं के स्टूडेंट्स अब हर विषय के नंबर भी अलग-अलग जान पाएंगे। इससे पहले उन्हें विषयों के औसत नंबर ही पता चल पाते थे जबकि अब CISCE के इस फैसले से स्टूडेंस के मार्कशीट में अंग्रेजी, इतिहास व साइंस के हर विषय के नंबर अलग-अलग लिखे मिलेंगे। इतना ही नहीं उन्हें साइंस के अंतर्गत आने वाले बॉयो, फिजिक्स व केमिस्ट्री के नंबर भी अलग-अलग पता चल पाएंगे।