Edited By Sonia Goswami,Updated: 22 Oct, 2018 12:36 PM
कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट (क्लैट) कराने के लिए छह सदस्यीय स्थायी समिति बनाई गई है। अब यह समिति परीक्षा की जिम्मेदारी का निर्वहन करेगी। छह सदस्यों में तीन स्थायी सदस्य बनाए गए हैं, जिसमें बेंगलुरू की नैशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी (एनएसएलआईयू),...
नई दिल्लीः कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट (क्लैट) कराने के लिए छह सदस्यीय स्थायी समिति बनाई गई है। अब यह समिति परीक्षा की जिम्मेदारी का निर्वहन करेगी। छह सदस्यों में तीन स्थायी सदस्य बनाए गए हैं, जिसमें बेंगलुरू की नैशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी (एनएसएलआईयू), नाल्सार यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ और भोपाल नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी शामिल है। वहीं क्लैट करा रहे विश्वविद्यालय और अगला क्लैट कराने वाले विश्वविद्यालय सदस्य होंगे।
क्लैट के कंवेनर विश्वविद्यालय सदस्य के तौर पर एक अन्य विश्वविद्यालय को सदस्य बनाया जाएगा। इस तरह छह विश्वविद्यालय इसके सदस्य होंगे। इस साल क्लैट कराने की जिम्मेदारी नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी (ओडिशा) को है। वहीं अगले क्लैट की जिम्मेदारी रांची नैशनल लॉ यूनिवर्सिटी को दी गई है। इस तरह ये दोनों विश्वविद्यालय क्लैट के नए कार्यकारी समिति के सदस्य होंगे।
कन्वेनर की हैसियत से नैशनल लॉ यूनिवर्सिटी (ओडिशा) ने राजीव गांधी नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ (पटियाला) को इस साल बतौर सदस्य चुना है। ये सभी निर्णय एनएलयू के कंसोर्टियम में लिया गया है। कहा जा रहा है कि इस तरह की बॉडी का गठन करना जरूरी हो गया था, क्योंकि इस साल क्लैट मामले में सुनवाई के समय सुप्रीम कोर्ट ने क्लैट कराने वाले स्थायी समिति की जानकारी चाही थी।
क्लैट के बारे में बढ़ाएगी जानकारी
माना जा रहा है कि स्थायी समिति के गठन से क्लैट के प्रति जागरूकता बढ़ेगी। अभी शहरों के छात्रों तक ही क्लैट सीमित है। नई स्थायी समिति क्लैट के बारे में गांव-गांव तक जानकारी का प्रसार करेगी। गौरतलब है कि एनएसयू कंसोर्टियम ने इस बार ऑफलाइन परीक्षा लेने का निर्णय लिया है। इस बार क्लैट 12 मई को होना है।