2,211 एसोसिएट स्कूलों पर संकट के बादल, लाखों विद्यार्थियों की पढ़ाई होगी प्रभावित

Edited By Sonia Goswami,Updated: 13 Sep, 2018 09:36 AM

clouds on 2 211 associate schools

पंजाब के 2,211 एसोसिएट स्कूलों पर खतरे के बादल छा गए हैं। पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड ने अगले शैक्षिक सैशन से एसोसिएट व्यवस्था बंद करने का फैसला ले लिया है। बोर्ड के इस फैसले से जहां 5 लाख से अधिक विद्याॢथयों की पढ़ाई प्रभावित होगी।

अमृतसर (दलजीत): पंजाब के 2,211 एसोसिएट स्कूलों पर खतरे के बादल छा गए हैं। पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड ने अगले शैक्षिक सैशन से एसोसिएट व्यवस्था बंद करने का फैसला ले लिया है। बोर्ड के इस फैसले से जहां 5 लाख से अधिक विद्याॢथयों की पढ़ाई प्रभावित होगी। वहीं शिक्षा मंत्री के गृह जिले में बोर्ड के खिलाफ एसोसिएट स्कूलों ने तीखा संघर्ष करने की रूप-रेखा बना ली है।

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जानकारी के अनुसार पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड ने कैबिनेट की सब-कमेटी की सिफारिश का हवाला देते हुए गत दिवस पत्र जारी कर अगले शैक्षिक सैशन से एसोसिएट स्कूलों के लिए कंटीन्यूशन प्रोफार्मा जारी न करने संबंधी फैसला लिया है। इससे पहले बोर्ड ने एसोसिएट स्कूलों को कहा था कि वे एफीलिएशन की शर्तें पूरी करें ताकि भविष्य में मान्यता देने के लिए उनको कोई परेशानी न आए। 

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‘बोर्ड का फैसला एकदम गलत’ 
बोर्ड के इस फैसले के खिलाफ एसोसिएट स्कूल्ज एसोसिएशन की मीटिंग मजीठा रोड पर चेयरमैन राणा जगदीश चंद्र, मनोज सरीन और वाइस प्रधान पं. जतिन्द्र शर्मा के नेतृत्व में हुई। मीटिंग में अमृतसर के अलावा तरनतारन, गुरदासपुर आदि जिलों के 250 से अधिक स्कूलों के मुखियों ने हिस्सा लिया। संगठन के नेताओं ने कहा कि बोर्ड का एसोसिएट स्कूलों के खिलाफ जारी किया गया पत्र एकदम गलत है। पत्र जारी करने से पहले एसोसिएट स्कूलों की सुनवाई नहीं की गई है। एक तरफ पंजाब सरकार राज्य की शिक्षा प्रणाली में सुधार लाने की बातें कर रही है, वहीं सरकार विद्या देने वाले ऐसे स्कूलों को बंद करके विद्यार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार का तर्क है कि उनके स्कूल गलियों, मोहल्लों में हैं परंतु सरकार को भूलना नहीं चाहिए कि पहले उनके स्कूल बने हैं और फिर वहां मोहल्लों के घर बने हैं। एसोसिएट स्कूल्ज बोर्ड के नियमों को पूरा करते हैं परंतु सरकार द्वारा जानबूझ कर एक विशेष वर्ग के स्कूलों को लाभ पहुंचाने के लिए ऐसा निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि बोर्ड के नादिरशाही फैसले के साथ जहां 5 लाख से अधिक विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित होगी, वहीं हजारों अध्यापक फिर से बेरोजगारी की रास्ते पर पड़ जाएंगे।

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स्कूल बंद हो जाएंगे तो कैसे चलेगी कूपन स्कीम
एसोसिएशन के नेताओं ने कहा कि शिक्षा मंत्री एक तरफ सरहदी क्षेत्र के बच्चों के भविष्य को उज्ज्वल करने के लिए कूपन स्कीम के अंतर्गत 3-3 हजार रुपए देकर किसी भी प्राइवेट स्कूल में विद्या हासिल करने के लिए योजना की बात कर रहे हैं परंतु मंत्री साहिब को यह नहीं भूलना चाहिए कि यदि स्कूल ही बंद हो जाएंगे तो उनकी कूपन स्कीम किस काम आएगी। 

 

2011 में अस्तित्व में आए थे एसोसिएट स्कूल
पंजाब में वर्ष 2011 में एसोसिएट स्कूल अस्तित्व में आए थे। शिक्षा विभाग द्वारा विशेष कमेटी बनाकर एसोसिएट स्कूलों के नियम तय किए गए थे। तब से लेकर अब तक एसोसिएट स्कूल निर्धारित मापदंडों के अंतर्गत ही चलते रहे हैं। जत्थेबदी के नेताओं ने कहा कि पहले की तरह ही सरकार को यह स्कूल चलते रहने देने चाहिएं। 

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