Edited By pooja,Updated: 17 Jul, 2018 12:51 PM
कोचिंग इंस्टिट्यूट को रेग्युलेट करने के लिए गाइडलाइन बनेगी। बच्चों पर बढ़ रहे तनाव को देखते हुए अब कोचिंग इंस्टिट्यूट्स को गाइडलाइन देना जरूरी होगा।
नई दिल्ली: अब कोचिंग इंस्टिट्यूट को रेग्युलेट करने के लिए गाइडलाइन बनेगी। बच्चों पर बढ़ रहे तनाव को देखते हुए कोचिंग इंस्टिट्यूट्स को गाइडलाइन देना जरूरी हो गया है। दरअसल, राजस्थान हाईकोर्ट ने गाइडलाइन बनाने का निर्देश दिया है।
देश में बाल अधिकारों की टॉप बॉडी नैशनल कमिशन फॉर प्रटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट्स (एनसीपीसीआर) से दो महीने में गाइडलाइन बनाने को कहा है साथ ही कहा कि गाइडलाइन इस तरह बनाई जाए जो सभी कोचिंग इंस्टिट्यूट्स के लिए लागू करना जरूरी हो।
राजस्थान के कोटा में कोचिंग इंस्टिट्यूट में पढ़ रहे स्टूडेंट्स की खबरें लगातार आती रही हैं। जुलाई 2017 तक 48 स्टूडेंट्स ने यहां खुदकुशी कर ली थी। कोटा को मेडिकल और इंजिनियरिंग कोचिंग का हब माना जाता है। एनसीपीसीआर के पास लगातार यहां से शिकायत आ रही थी कि यहां बहुत खराब स्थिति में बच्चे रह रहे हैं और पढ़ाई के नाम पर उन्हें 15-16 घंटे की क्लास कराई जाती है। बच्चे बेहद तनाव में रहते हैं और कई बच्चे मौत को गले लगा रहे हैं। जिसके बाद दिसंबर 2015 में कमिशन ने इस मामले का संज्ञान लिया और राजस्थान सरकार और कोटा के जिला प्रशासन को नोटिस जारी किया।
जनवरी 2016 में राजस्थान हाईकोर्ट की जयपुर बेंच ने मामले का संज्ञान लिया। राज्य सरकार से कहा कि कोचिंग इंस्टिट्यूट के लिए रेग्युलेशन बनाया जाए क्योंकि बिना रेग्युलेशन के कोचिंग इंस्टिट्यूट बच्चों के लिए खतरनाक होते जा रहे हैं। कोर्ट ने इस रिकमंडेशन को आधार पर गाइडलाइन बनाने को कहा है।