ये लड़की बनी दुनिया के लिए मिसाल, पढ़ें पूरी खबर

Edited By ,Updated: 15 Jan, 2017 04:11 PM

company  customers  scholarships

रेवल सिस्टम्स कंपनी पॉइंट अॉफ सेल ( पाअोएस) की सबसे सफल कंपनियों में शुमार की जाती है, जिसका मुकाबला स्क्वेयर और शॉपकीप जैसी कंपनियों से है। लीजा फाल्जोन (31) इस कंपनी की CEO हैं।

नई दिल्ली : रेवल सिस्टम्स कंपनी पॉइंट अॉफ सेल ( पाअोएस) की सबसे सफल कंपनियों में शुमार की जाती है, जिसका मुकाबला स्क्वेयर और शॉपकीप जैसी कंपनियों से है। लीजा फाल्जोन (31) इस कंपनी की CEO हैं। इस कंपनी में 400 से ज्यादा कर्मी हैं। 20 हजार से ज्यादा एक्टिव पीअोएस टर्मिनल हैं। इस कंपनी की शुरुअात 6 साल पहले एक हादसे से हुई थी। गौरतलब है कि 2010 में लीजा स्लिप डिस्क का शिकार हो गई थी। लीजा का मानना  है कि किसी के लिए काम करते हुए अपनी कंपनी बनाने के बारे में सोचना मुश्किल ही नही बल्कि न मुमकिन होता है। लीजा ने बताया कि मैं हमेशा अपनी कंपनी करना चाहती थी लेकिन मेरी इस बीमारी ने मुझे ये मौका दे दिया। स्लिप डिस्क की वजह से एक साल तक बिस्तर पर रही उन्होंने इस समस्या का उपयोग नए बिजनेस वेंचर के अाइडिया को साकार करने में किया। उन्होंने कहा कि जब उन्हें रेवल का अाइडिया अाया तो मैं काफी रोमांचित थी। उन्होंने कहा कि मुझे पता था कि यह बड़ा अाइडिया है। उन्होंने क्रिस किअाबरा के साथ टीम बनाई और दोंनों ने विचार को अाकार दिया। क्रिस से उनकी मुलाकात एक ब्लॉग के जरिए हुई थी।

जानकारी के मुताबिक लीजा एक एेसा पॉइंट अॉफ सेल सिस्टम बनाना चाहती थी जो अाइपैड के साथ काम कर सके। यह कंपनी ग्राहकों को पीअोएस के जरिए भुगतान करने की सुविधा देती है। रेवल के जरिए लीजा ने क्रेडिट कार्ड स्वाइप मशीन के स्थान पर एक अाईपैड बेस्ड सिस्टम तैयार किया। उनकी कंपनी का प्रतिस्पर्धी स्क्वेयर को माना जाता है। स्क्वेयर जेक डोर्सी की कंपनी है।  डोर्सी ट्विटर के सीईअो भी हैं। लेकिन दोनों कंपनियों में मूल अंतर इनके संचालन को लेकर है। स्वेयर हर पर्चेज पर प्रतिशत के हिसाब से चार्ज करती है, जबकि रेवल महीने भर का तय अमाउंट 100 डॉलर चार्ट करती है। लीजा कहती है कि हमारी कंपनी डेटा डि्वन है। हम सॉफ्टवेयर से कमाते है। इस कंपनी को शुरु करने सबसे बड़ी चुनौती थी निवेश जुटाना। लीजा प्रोटोटाइप बनाने के लिए फंडिंग जुटाने की कोशिश में थी। लेकिन उसे कोई सफलता नहीं मिल रही थी।  एक दिन वे एक रास्तरां में बैठकर एक के बाद एक कई इनवेस्टर्स को फोन लगा रही थी।

पास की टेबल पर बैठा व्यक्ति उन्हें सुन रहा था। उसे लीजा का उत्साह अच्छा लग रहा था। फिर बत होने लगी तो लीजा ने उन्हें भी निवेश के लिए राजी करने  की कोशिश की। पता चला उस व्यक्ति की भी एक बेटी है। जो अांक्षपआेन्योर  बनना चाहती है। लीजा  बताती है - उस दिन तो बात नहीं बनी,  लेकिन मैं बाद में भी कोशिश करती रही। अाखिर वह जोखिम लेने के लिए तैयार हो गए और 28 हजार डॉलर का पहला चैक मुझे दिया। इस तरह लीजा ने अपनी कंपनी की शुरु आत की। कंपनी अब  इंटरनेशनल बाजार में विस्तार करने पर काम कर रही है। एेसा नहीं है कि लीजा के दिमाग में हमेशा  बिजनेस ही होता है वे बिजनेस वल्र्ड में महिलाअों के लिए समानता पर काम करना चाहती हैं। उन्होंनेे 10हजार डॉलर  की रेवल स्कॉलर्स प्रोग्राम स्कॉलरशिप शुरु की है जो टेक अात्रप्रेन्योरशिप में दिलचस्पी रखने वाली लड़कियों को दी जाती है। हर साल 2 लड़कियों को स्कॉलरशिप दी जाती है।  
 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!