Edited By pooja,Updated: 06 Nov, 2018 09:47 AM
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) पूरे देश के विश्वविद्यालयों का पाठ्यक्रम बदलने जा रहा है। इसके लिए यूजीसी ने देशभर के विशेषज्ञों की 47 टीमें गठित की हैं।
नई दिल्ली : विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) पूरे देश के विश्वविद्यालयों का पाठ्यक्रम बदलने जा रहा है। इसके लिए यूजीसी ने देशभर के विशेषज्ञों की 47 टीमें गठित की हैं। ये विशेषज्ञ वर्तमान आवश्यकता के हिसाब से पाठ्यक्रम तैयार कर रहे हैं।
यूजीसी के चेयरमैन कहा कि आने वाले समय में देश की उच्च शिक्षा में कई बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे। इन बदलावों के तहत अब किसी भी विश्वविद्यालयों के कुलपति के चयन के बाद उनका देश-विदेश में एक माह का प्रशिक्षण होगा। कुलपति पद के संभावित दावेदारों को भी यूजीसी की ओर से पहले ही प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि वे बेहतर साबित हो सकें। इसके अलावा किसी भी विश्वविद्यालय या कॉलेज में जो भी शिक्षक नियुक्त होंगे, उन्हें न केवल विषय आधारित बल्कि एक आदर्श शिक्षक के तौर पर यूजीसी की ओर से प्रशिक्षित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि शोध को बढ़ावा देने के लिए भी सरकार और यूजीसी प्रतिबद्ध है।
देश की कुल सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का महज 0.6 से 0.7 प्रतिशत ही शोध कार्यों में खर्च होता है। जबकि चीन में 2.1, इजराइल में 4.3 और कोरिया में 4.2 प्रतिशत हिस्सा शोध कार्यों में खर्च किया जाता है। ऐसे में भारत जैसे देश में शोध की बेहद कमी है। उन्होंने कहा कि सभी विश्वविद्यालय स्वायत्त हैं। लिहाजा वे अपने स्तर पर शोध कराएं, जो देश के काम आए। यूजीसी के चेयरमैन ने इस बात पर चिंता जताई कि देश में चुनिंदा रिसर्च जनरल को छोड़कर बाकी शोध रिपोर्ट प्रकाशित कराने के लिए विदेशी रिसर्च जनरल पर ही निर्भर रहना पड़ता है। उन्होंने कहा कि हमारे देश के आईआईटी, आईआईएससी जैसे संस्थानों से भविष्य में ऐसे रिसर्च जनरल प्रकाशित किये जाएं, जिनमें विदेशी वैज्ञानिक भी अपनी शोध रिपोर्ट प्रकाशित कराएं।